कही-सुनी (14 JAN-24): रवि भोई

कब होगा छत्तीसगढ़ पुलिस में फेरबदल ?

विष्णुदेव साय सरकार ने तीन जनवरी को आईएएस अफसरों के तबादले किए, उसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि आईपीएस अफसरों में हेरफेर होंगे। चर्चा थी कि डीजीपी समेत पुलिस मुख्यालय और जिलों में बदलाव होगा। लेकिन इंतजार लंबा हो गया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से छत्तीसगढ़ वापस लौटे 1998 बैच के आईपीएस अमित कुमार एक महीने से बिना काम के पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं। उन्हें पोस्टिंग का इंतजार है। रायपुर, महासमुंद और जगदलपुर जिला प्रभारी एसपी के भरोसे चल रहा है। डीजीपी की दौड़ में शामिल एडीजी अरुण देव गौतम और पवन देव की पदोन्नति भी अटकी है। पिछले साल अक्टूबर महीने में डीपीसी होनी थी,लेकिन किसी कारण से हुई नहीं। डीएम अवस्थी और संजय पिल्लै के रिटायरमेंट के बाद राज्य में डीजी के दो पद रिक्त हैं। भूपेश बघेल की सरकार ने पुलिस मुख्यालय में ओएसडी के दो पद सृजित कर डीएम अवस्थी और संजय पिल्लै को संविदा नियुक्ति दे दी। संविदा में कार्यरत डीएम अवस्थी को ईओडब्ल्यू के डीजी और संजय पिल्लै को डीजी जेल का प्रभार दे दिया। दोनों अभी कार्यरत हैं। कहा जा रहा है कि डीजीपी की पोस्टिंग के बाद ही पुलिस में हेरफेर होगा। इस कारण लोगों की ज्यादा निगाहें नए डीजीपी पर है। विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था एक मुद्दा था। राज्य में अमन-चैन नई सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल हिंसा पर काबू भी बड़ी चुनौती है। शांति और नक्सलियों पर नकेल के लिए सरकार को पुलिस के पत्ते फेटने होंगे। इसी में देरी हो रही है। कहा जा रहा है कि अब पुलिस में बड़ा फेरबदल 26 जनवरी के बाद ही संभव होगा। 22 जनवरी को आयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होना है। दोनों ही आयोजनों में उत्सव का माहौल रहने वाला है, ऐसे में पुलिस की महती भूमिका रहने वाली है।

भाजपा नेता के ख्वाब

कहते हैं मीडिया से जुड़े एक भाजपा नेता सीएसआईडीसी के अध्यक्ष बनने के जुगाड़-तुगाड़ में लगे हैं। चर्चा है कि ये नेता पहले मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार बनने की कोशिश में लगे थे। इस पद के लिए मनाही होने के बाद सीएसआईडीसी के अध्यक्ष पद पर नजर दौड़ाई। खबर है कि नेताजी के पक्ष में सोशल मीडिया में पोस्ट भी वायरल हो रहा है। अब देखते हैं नेताजी के सपने कब पूरे होते हैं। बताते हैं कांग्रेस राज में नेताजी ने वन विभाग के भ्रष्टाचार को मुद्दे बनने से रोक दिया था। इस कारण भाजपा में ही नेताजी को लेकर अंतर्द्वंद्व चल रहा है।

समय-समय की बात

भूपेश बघेल के राज में सबसे पावरफुल रहे एक अफसर को अब मंत्रालय में कमरे के लाले पड़ गए हैं, उन्हें मंत्रालय में मनपसंद कक्ष नहीं मिल पाया। कहते हैं अधिकारी महोदय ने मंत्रालय के चतुर्थ तल में कमरा देने का आग्रह किया था। अफसर ने जो कमरा मांगा था, वह पहले भी उनके स्तर के आईएएस को मिलता रहा है। लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई और उन्हें ग्राउंड फ्लोर का वही कमरा अलाट कर दिया गया, जिसमें वे पहले कभी बैठा करते थे। इसे कहते हैं समय-समय की बात। भूपेश बघेल के शासनकाल में इस अफसर से मिलने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती थी। अब उनका ताज और तख्त दोनों चला गया।

रंग नहीं ला रही मेहनत

कहते हैं डीजीपी की दौड़ में शामिल एक आईपीएस नए ओहदे के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं, लेकिन मेहनत नतीजे में बदल ही नहीं पा रही है। चर्चा है कि पुलिस अफसर साहब डीजीपी की कुर्सी के लिए आरएसएस के नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारियों के दरबार में मत्था टेक आए हैं। पिछले दिनों वे दिल्ली जाकर संघ के दूसरे-तीसरे नंबर के पदाधिकारी से मिले भी। रायपुर से दिल्ली तक उनकी दौड़ के बाद भी अब तक नतीजा सिफर है। अब देखते हैं उनकी मेहनत कब रंग लाती है। कहा जा रहा है इस आईपीएस के लिए एक-एक दिन कीमती है।

टंकराम वर्मा ने मांगा दूसरा बंगला

कहते हैं राजस्व और खेलकूद मंत्री टंकराम वर्मा ने निवास के लिए दूसरा बंगला मांगा है। मंत्री टंकराम वर्मा को शंकरनगर स्थित बी-5/10 नंबर का सरकारी बंगला आबंटित किया गया है। कांग्रेस राज में यह बंगला मोहम्मद अकबर को अलाट था। इस बंगले के दो हिस्से हैं। एक निवास और दूसरा आफिस। बंगले का आफिस वाला हिस्सा को तो ठीक बताया जा रहा है, लेकिन निवास वाले हिस्से से मंत्री जी खुश नहीं हैं। बताते हैं निवास वाला हिस्सा काफी जर्जर हो चुका है। ऐसे में मंत्री जी ने अपने निवास के लिए शंकरनगर में ही एक नया बंगला मांगा है। मंत्री जी के साथ जनता को भी नए बंगले का इंतजार है।

पुन्नूलाल मोहले होंगे विधानसभा उपाध्यक्ष ?

कहा जा रहा है कि मुंगेली के विधायक और पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले विधानसभा उपाध्यक्ष हो सकते हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव फ़रवरी-मार्च में आहूत बजट सत्र में हो जाएगा। पुन्नूलाल मोहले सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। माना जा रहा है कि जातीय समीकरण के चलते पुन्नूलाल को उपाध्यक्ष की कुर्सी मिल सकती है। पुन्नूलाल अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। अजा वर्ग से अभी दयालदास बघेल कैबिनेट मंत्री हैं। रमन सरकार में अजा वर्ग से दो मंत्री थे, उसी आधार पर भाजपा सरकार में अजा वर्ग से दो लोगों का प्रतिनिधित्व हो जाएगा।

अजय,अमर और मूणत को नई जिम्मेदारी

भाजपा हाईकमान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के लिए सभी 543 सीटों को अलग-अलग क्लस्टर में बांटकर नेताओं को जिम्मेदारी दी है। कहते हैं छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों को तीन क्लस्टर में बांटा गया है। एक-एक क्लस्टर की जिम्मेदारी अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल और राजेश मूणत को सौंपी गई है। तीनों पूर्व मंत्री वर्तमान में विधायक हैं। चर्चा थी कि अजय चंद्राकर और अमर अग्रवाल को लोकसभा लड़ाया जा सकता है, लेकिन नई जिम्मेदारी से चर्चा पर विराम लग गया है।

एक्शन में बृजमोहन

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल इन दिनों काफी एक्शन में नजर आ रहे हैं। अयोध्या में राममंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को स्कूल -कालेजों में छुट्टी के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उस पर इम्प्लीमेंट हो गया। 12 जनवरी को युवा दिवस के दिन बूढ़ातालाब की तरफ से दानी गर्ल्स स्कूल के प्रवेश द्वार को जाकर खुद ही खोल दिया। मोदी गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ के लोगों को रामलला के दर्शन के फैसले को लागू करने में भी वे तेज दौड़ते दिख रहे हैं।

(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

कही-सुनी @ रवि भोई, सम्पर्क- 098936 99960

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