लखनलाल देवांगन: 24 साल में वार्ड पार्षद से मंत्री तक की यात्रा
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री व राज्यपाल के पैर छूकर लिया आशीर्वाद
रायपुर 22 दिसम्बर। मेहनत और किस्मत इंसान को फर्श से अर्श पर किस तरह पहुंचाती है,इसका एक और उदाहरण कोरबा के लखनलाल देवांगन से देखने को मिला। भाजपा के एक सामान्य कार्यकर्ता को पार्टी ने टिकट दिया तो अपनी लोकप्रियता से पार्षद बने। यहां से उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया और 24 साल बाद आज प्रदेश सरकार में मंत्री बन गए। मंत्री बनने के बाद भी लखन लाल देवांगन ने अपने सादगी के चिर परिचित अंदाज को नहीं छोड़ा। शपथ लेने के बाद उन्होंने मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पैर छुए और राज्यपाल का गुलदस्ता स्वीकार करने से पहले पैर छूकर उनका भी आशीर्वाद लिया। लखन लाल देवांगन की इस सादगी और सौम्यता को वहां उपस्थित हर किसी ने देखा और सराहा।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण आज राजभवन में आयोजित हुआ। कोरबा विधायक लखनलाल सहित 9 विधायक मंत्री पद की शपथ लिए। मंत्रिमंडल में लखनलाल देवांगन का नाम भी शामिल किये जाने के आंकलन के कल रात में पुष्ट होने के बाद से समर्थकों में जश्न-सा माहौल है,और यह अभी भी कायम है। उनके मंत्री बन कर प्रथम कोरबा प्रवास पर स्वागत की तैयारियां भी हो रही हैं।
कांग्रेस के गढ़ में पहला कमल खिलाया
लखनलाल देवांगन ने इस विधानसभा चुनाव में बिना किसी तामझाम के लगातार 3 चुनाव से काबिज कांग्रेस के गढ़ कोरबा विधानसभा में पहली बार रिकार्ड मतों से कमल खिलाया। उनके लिए चुनाव प्रचार की अंतिम सभा लेने आए गृहमंत्री अमित शाह ने 15 नवम्बर 2023 घण्टाघर में जनता से कहा था कि आप लोग लखनलाल को जिताएँ, इनका राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल है। अब शाह ने जो कहा था,वो पूरा किया है।
1999 में पार्षद, 2023 में मन्त्री
सीधे और सरल व्यक्तित्व के धनी लखनलाल देवांगन अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही भाजपा संगठन से जुड़े। 1999 में लखनलाल देवांगन ने पार्षद का चुनाव लड़ा। 2004 में उन्हें पार्टी द्वारा महापौर का प्रत्याशी बनाया गया। वे जीत हासिल नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर बने। 2013 में एक बार फिर पार्टी ने भरोसा जताया तब श्री देवांगन को कटघोरा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया गया। कटघोरा विधानसभा में कांग्रेस के 6 बार के विधायक वरिष्ठ नेता बोधराम कंवर को हरा कर वहां की राजनीतिक हवा का रुख बदल दिया।
बोधराम कंवर को लखन देवांगन ने 11 हजार 511 मतो से हराया। इसके ईनाम स्वरूप मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में लखन देवांगन को संसदीय सचिव बनाकर उन्हे मजबूत स्थान दिया गया। 2018 में पार्टी ने बार फिर लखन देवांगन को कटघोरा से लड़ाया लेकिन राज्य में 15 साल तक रह चुकी भाजपा सरकार के विरुद्ध माहौल ने सफलता से दूर रखा। इसके 5 साल बाद भाजपा ने 2023 के चुनाव में सधी हुई रणनीति और जाति समीकरण के आधार पर टिकटों का वितरण किया। इस समय लखन ने दिल्ली में बैठे पार्टी पदाधिकारियों के दिलों में भी राज किया और उनका नाम पहली लिस्ट में फाइनल हो गया। कोरबा विधानसभा से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को मत देना किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन लखन ने इसे स्वीकार किया और अपने छवि के बूते पार्टी के सहयोग से यह चुनाव जीत लिया। कांग्रेस सरकार के खिलाफ बने माहौल में कमल खिलाते हुए रिकार्ड 25 हजार 629 मतों से जीत हासिल किए।
इन मंत्रियों को भी दिलाई गई शपथ
मंत्री पद के लिए राजभवन में जिन्हें शपथ दिलाई गई उनमें बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, दयालदास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े भी शामिल हैं।