टीआई की सूझबूझ से दो मासूमों बचे अपहरण से, आरोपी जेल दाखिल
कोरबा 16 दिसम्बर। एक मासूम के अपहरण में जेल भेजी गई अपहर्ता कमला वंशकार की योजना दो मासूमों के अपहरण की थी जिसमें से एक को वह नागपुर गिरोह को बिक्री करती तथा दूसरे से भिक्षार्जन करवाती, मगर उसकी योजना कुसमुंडा टीआई मनीष नागर की सूझबूझ से अधूरी रह गई और अपहर्ता पकड़ कर जेल दाखिल कर दी गई।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल सुबह रंगे हाथ एक मासूम के अपहरण के मामले में पकड़ी गई अपहर्ता सरकंडा बिलासपुर निवासी कमला वंशकार उम्र 40 पति रघुवंश वंशकार ने विकास नगर कुसमुंडा से भिक्षार्जन कर जीवन यापन कर रहे विकलांग रामप्रसाद यादव एवं उसकी पत्नी लता की अनुपस्थिति में उसके 6 वर्षीय महेश यादव का अपहरण कर ले जाते वक्त कोरबा रेलवे स्टेशन में कुसमुंडा टीआई मनीष नागर द्वारा बिझाए गए मुखबिरों के जाल में फंसकर पकड़ी गई जिसे न्यायिक अभिरक्षा में कुसमुंडा थाने के अपराध क्रमांक 252/23 धारा 363, 365 भादवि के तहत जिला जेल के महिला बंदीगृह में न्यायिक अभिरक्षा में दाखिल किया जा चुका है। उसकी मंशा उपरोक्त विकलांग दंपत्ति के एक और मासूम के अपहरण की थी।
बताया जाता है कि अपहर्ता महिला पुलिस को गुमराह करने के लिए एक बयान दी है कि उसका बच्चा कुछ माह पूर्व मृत हो गया था जिसके कारण बगैर बच्चा का वह नहीं रह सकती। इसलिए उपरोक्त महेश यादव को प्यार में फुसलाकर ले जा रही थी। वहीं जानकारी यह भी मिली है कि महेश के दो वर्षीय छोटे भाई को भी वह अपहरण करना चाहती थी जिससे वह नागपुर में भिक्षार्जन करने वाले एक गिरोह को बिक्री करती। मगर उसकी इस योजना को कुसमुंडा टीआई मनीष नागर ने अपने मुखबिरों के जाल में फंसाकर बेनकाब कर दिया। इस तरह इस पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया।