रूमगरा हवाई पट्टी का हुआ कायाकल्प
कोरबा 06 दिसम्बर। शहर के रूमगरा में स्थित हवाई पट्टी का लंबे समय बाद कायाकल्प हुआ है। हवाई पट्टी के अंदर रनवे पर कोई अनाधिकृत व्यक्ति या जानवर न पहुंचे इसके लिए चारों ओर कंटीले तार से फेंसिंग कराने के साथ ही ग्रीन नेट लगाया गया है। सुरक्षित तरीके से प्लेन की लैंडिंग व टैक ऑफ हो सके इसके लिए रनवे के आसपास साफ-सफाई कराकर अब नए सिरे से डामर की टायरिंग कराई गई है। आने वाले विजिटर के लिए बने रेस्ट रूम का भी रंगरोगन किया गया है। आसमान से कोरबा के हवाई पट्?टी होने का पता चल सके इसके लिए चबूतरा बनाकर लिखा गाया है, जिससे आसमान पर उड़ रहे विमान से शहर का पता चल सके। इस तरह कायाकल्प से हवाई पट्?टी की सुंदरता बढ़ गई है। हवाई पट्टी पर अभी बालको व शासन के प्लेन उतरते हैं लेकिन आने वाले दिनों में कर्मशियल उड़ान भी शुरू हो जाएगी।
80 के दशक में बिजली कंपनी के कोरबा पूर्व प्लांट के निर्माण के दौरान अधिकारियों व विदेशी इंजीनियरों की आवाजाही चार्टर प्लेन से होती थी। इसके लिए बिजली कंपनी ने बालको नगर के रूमगरा में कंपनी ने हवाई पट्टी बनाई थी। प्लांट बनने के बाद बिजली कंपनी को हवाई पट्टी की उपयोगिता नहीं रही। हवाई पट्?टी बदहाल हो गया था। करीब 2 दशक पहले जब बालको विनिवेश के बाद बालको प्लांट का विस्तार प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो बालको प्रबंधन ने प्लेन उतारने के लिए हवाई पट्?टी का जिम्मा लेते हुए जीर्णोधार कर उपयोग शुरू किया। हवाई पट्टी की के लिए पूर्व में किए गए फेंसिंग के नीचे से जंगली जानवर अंदर घुस जाते थे। बाद में असामाजिक तत्वों ने जगह-जगह फेंसिंग पोल तोड़ दिया था। जिससे मवेशी भी रनवे पर पहुंच जाते थे। रनवे के बीच से लोगों ने हवाई पट्टी के पास स्थित शराब दुकान आवाजाही के लिए शार्टकट रास्ता भी बना लिया गया था। रनवे पर बैठकर शराब पी पीते थे। अब नए सिरे से कंटीले तारों से फेंसिंग होने के बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा निगरानी बढ़ाई जा रही है।
रूमगरा हवाई पट्टी पर रनवे के एक दिशा में जहां प्लांटों की ऊंची चिमनिया है तो दूसरे दिशा की ओर पहाड़ स्थित है। ऐसे में कर्मशियल उड़ान के लिए रनवे की लंबाई बढ़ाने की आवश्यकता को देखते हुए राज्य शासन के निर्देश पर हवाई पट्टी का पिछले साल भौगोलिक सर्वे कराया था। निजी कंपनी के सर्वे के बाद तैयार रिपोर्ट पॉजीटिव रहा। जिसमें बताया गया कि बड़े विमान के भी लैडिंग के साथ उड़ान भरने के लिए हवाई पट्टी का आगे पहाड़ की दिशा में विस्तार किया जा सकता है। चिमनी व पहाड़ से कोई खतरा नहीं है। जिससे निश्चित ही कर्मशियल उड़ान के लिए हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाई जा सकती है।एक दशक पहले राज्य सरकार ने प्रदेश के 5 शहरों से विमान सेवा (एयर टैक्सी) शुरू करने की योजना बनाई थी। जिसमें विमानन विभगा ने कोरबा के रूमगरा हवाई पट्टी को भी शामिल किया था। रायपुर से कोरबा का किराया भी तय हो गया था। सर्वे में विमान सेवा के लिए रनवे की लंबाई-चौड़ाई कम होना पाया गया। रनवे के विस्तार के लिए शासकीय राजस्व वन भूमि में बड़े झाड़ के जंगल बाधा बन गए, रनवे का विस्तार नहीं हो सका। प्रदेश के दूसरे शहरों में सेवा शुरू हो गई पर कोरबा में हवाई सेवा हवाहवाई साबित हुई। अब एक बार फिर से उम्मीद बंधी है।