बांगो की लापता युवती का मामला पुलिस ने सुलझायाः कब्र से निकाला गया शव, मुख्य आरोपी सहित पांच गिरफ्तार
पुलिस को गुमराह करने मांगी थी 15 लाख की फिरौती
कोरबा 30 नवम्बर। शादी शुदा प्रेमी पर एक और शादी करने का दबाव बना रही प्रेमिका का जंगल में गला घोंट कर प्रेमी ने हत्या कर दी। जंगल में शव को अपने साथियों के साथ मिल कर दफना दिया था। करीब दो माह बाद इस पूरे घटना का पर्दाफाश हुआ है। एसडीएम की उपस्थिति में शव को कब्र से बाहर निकाला गया। पुलिस ने मुख्य आरोपित समेत पांच को गिरफ्तार किया है। मृतका के मोबाइल से आरोपितों ने फिरौती मांग कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, पर पुलिस की गिरफ्त में आने से बच नहीं सके।
जिले के बांगो थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव लेपरा निवासी संतोषी विश्वकर्मा 28 वर्ष का प्रेम संबंध पाली क्षेत्र में रहने वाले सोनू लाल साहू 27 वर्ष के साथ था। संतोषी यह जानती थी कि सोनू शादी शुदा है, इसके बावजूद दूसरी शादी करने जिद पर अड़ी थी। बताया जा रहा है कि सिलाई सीखने के बहाने 28 सितंबर को संतोषी घर से निकली, उसके बाद वापस नहीं लौटी। 30 सितंबर को उसके पिता कृष्णा विश्वकर्मा के पास संतोषी के ही मोबाइल नंबर से काल आया और उसके अपहरण कर लिए जाने की जानकारी देते हुए 15 लाख रूपये की फिरौती मांगी गई। अपने स्तर पर संतोषी की खोजबीन कर रहे कृष्णा भाग कर बांगो थाना गया और पूरे धटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान दो सोनू लाल साहू व जीवा राव जाघय 19 साल निवासी सलिहाभांठा पोड़ी थाना पाली पुलिस की जांच के राडार में आ गए। दरअसल पुलिस को जांच में यह पता चला कि लगातार ये दोनों युवक मोबाइल से संतोषी के संपर्क में थे, पर उसके लापता होने के बाद से दोनों ही घर से फरार हो गए थे। काफी तलाश के बाद भी दोनों कहीं कुछ पता नहीं चल सका। पुलिस इस मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली। इसका फायदा आरोपित उठा कर लुकते छिपते रहे। 28 नवंबर को कटघोरा न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से दोनों ने यह करते हुए आत्मसमर्पण किया कि पुलिस उन्हें झूठे मामले में फंसाने का प्रयास कर रही।
पुलिस ने रिमांड पर लेकर दोनों आरोपितों से पूछताछ की, तब अपराध कबूल करते हुए पूरी कहानी बयां कर दी। सोनू ने पुलिस के समक्ष अपराध कबूल करते बताया कि जिस दिन संतोषी मिलने आई थी, उसे दिन पहले उन्होंने जंगल में शारीरिक संबंध बनाया, बाद में संतोषी शादी करने के लिए फिर से जिद करने ली। इस बात से वह नाराज होकर उसे धोखे से जंगल के और अंदर ले गया, जहां उसने गला दबा कर उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपित के बताए हुए स्थान पर 29 नवंबर को एसडीएम से अनुमति लेकर कब्र को खोद कर संतोषी का शव बाहर निकलवाया। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि अपहरण व हत्या के मामले में सोनू समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
बांगो थाना में यह शिकायत दो महीने पहले ही की गई थी लेकिन तत्कालीन टीआइ और जिले के तत्कालीन एसपी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। मामले में तेजी तब आई, जब जिले में नए पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला की पदस्थापना हुई। उन्होंने क्राइम मीटिंग के दौरान लंबित मामलों को निपटाने का आदेश दिया। परिवार ने नए एसपी के समक्ष भी एक आवेदन पेश कर बेटी को ढूंढने की गुहार लगाई। विवेचना के दौरान पुलिस ने टीम गठित कर पाली, पोडी, रतनपुर, सकरी बिलासपुर में दबिश दी। पुलिस को सोनू व जीवा पर संदेह था, जो लगातार जगह बदलकर गिरफ्तारी के डर से छिप रहे थे। मामले के सभी आरोपितो द्वारा 28 नवंबर को न्यायालय कटघोरा में आत्मसमर्पण किया जा रहा था। उन्होंने आवेदन पेश कर कोर्ट से कहा था कि पुलिस उन्हें बेवजह गिरफ्तार करने के लिए तलाश रही है। पुलिस ने रिमांड प्राप्त कर आरोपियों को हिरासत में लिया।
आरोपित सोनू ने पुलिस को बताया है कि 28 सितंबर को दोनों जंगल मे मिले थे. इसी दिन सोनू ने संतोषी की हत्या कर दिया था। संतोषी, सोनू पर शादी का दबाव बना रही थी। मौत के घाट उतारने के बाद उसने अपने चार अन्य दोस्त संदीप भोई 21 वर्ष, विरेन्द्र भोई 19 वर्ष, सुरेंद्र भोई 21 वर्ष, जीवा राव जाघय 19 वर्ष को बुलाया। इसमें विरेंद्र भोई व सुरेंद्र भाई सगे भाई हैं। सबने मिल कर गड्ढा खोदा और शव को दफन कर दिया। फिलहाल पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल भेज दिया है। शव को दफनाने के लिए उपयोग किए गए फावड़ा गैती को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने कुल पांच लोगों का आरोपित बनाया है. मुख्य आरोपित मृतका का सोनू है, जबकि सोनू के एक और दोस्त जीवा से भी मृतका संतोषी का अफेयर था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि सोनू और जीवा इस बात को भली-भांति जानते थे कि संतोषी उन दोनों से संबंध रखती है।