चुनाव घोषणा को लेकर दिक्कत, नतीजों के बाद दबाव बढ़ेगा धान उपार्जन केंद्रों पर
कोरबा 27 नवम्बर। जिले में अबकी बार 50 हजार 244 किसानों ने धान का उत्पादन विक्रय करने के लिए अपना पंजीकरण कराया हुआ है। इन सबके बावजूद 49 खरीदी केंद्रों में धान की आवक का अनुपात नहीं के बराबर है। केंद्रों के द्वारा खरीदी को लेकर सभी प्रकार की व्यवस्था की जा चुकी है और वहां धान के पहुंचने की प्रतीक्षा की जा रही है।
त्रिस्तरीय व्यवस्था के अंतर्गत धान उपार्जन का काम कराया जा रहा है। कोरबा जिले में 69624 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने दो श्रेणी की धान इस सीजन में ली है। इससे पहले राजस्व और कृषि विभाग के द्वारा रकबा सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की गई। एक एकड़ में 20 क्विंटल की मात्रा खरीदी की नीति सरकार के द्वारा तय की गई है और दो महीने के भीतर इसे पूरा किया जाना प्रावधानित है। बताया गया कि 1 नवंबर से शुरू किये गये धान खरीदी सीजन से लेकर अब तक के नतीजे उत्साहजनक नहीं है।
चुनाव और घोषणा को लेकर कहीं न कहंी दिक्कत बनी हुई है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव के दौरान किये गये दावों और उनका सच जानने के लिए किसान अभी गर्मी नहीं दिखा रहे है। यही कारण है कि न तो टोकन कटाने में रूची है और न ही धान बेचने में। माना जा रहा है कि 3 दिसंबर को मतगणना और उसके बाद नई सरकार के गठन के बाद किसानों का रूख अपने आसपास के उपार्जन केंद्रों में तेज होगा। इसके साथ ही खरीदी केंद्रों के कर्मचारियों के सामने कई प्रकार के दबाव भी होंगे।