केंदई रेंज में हाथी के बाद अब तेंदुए से भय

तेंदुए ने किसान के घर घुसकर किया बछड़े का शिकार

कोरबा 27 नवम्बर। कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज में हाथी के बाद अब तेंदुए से भय का माहौल बना है। शनिवार की रात ग्राम हड़मोर निवासी एक किसान के घर में घुस कर तेंदुए ने गोशाला में बंधे बछड़े का शिकार किया है। इस घटना के बाद संरक्षित वन्य जीव के शिकार की भी आशंका बढ़ गई है। इस वजह से वन्य जीव संरक्षण को लेकर वन विभाग की सक्रियता भी बढ़ गई है।

केंदई वन क्षेत्र में तेंदुए धमक ने मवेशी पालकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। सघन वन परिक्षेत्र होने के कारण तेंदुए के विचरण व मवेशियों के शिकार की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। शनिवार की रात ग्राम पंचायत आमाटिकरा के आश्रित ग्राम हड़मोर निवासी किसान जयपाल सिंह अपने घर में सोया था। उस वक्त घर में तेंदुआ घुस कर उसके गाय के बछड़े को उठा ले गया। सुबह उठकर किसानों ने गोशाला में देखा तो बछड़ा नहीं था। इतने में गांव के पड़ोसी ने आकर सूचना दी कि बछड़े को किसी जानवर ने खेत में शिकार किया है।

जयपाल ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी। गो-शाला का निरीक्षण किए जाने व पांव के निशान के आधार पर पता चला कि किसान के गाय को तेंदुआ ने उठाया है। जयपाल ने बताया कि उसने अपने गोठान में गाय और बैलों को अलग-अलग स्थानों में बांध रखा था, बछड़े को खुला ही रखा था। इस वजह से तेंदुआ बछड़े को उठाकर ले गया होगा। वन परिक्षेत्रा अधिकारी अभिषेक दुबे ने बताया कि तेंदुआ अपने शिकार को उठाकर ले जाने में समर्थ होते है। गोशाला का निरीक्षण के करने के बार यह तय हो गया है कि बछड़े का शिकार तेंदुआ ने ही किया। उसने बछड़े के पैर को छोड़ पूरे मास को चट कर दिया हैं।
पशु हानि अधिनियम कि तेहत किसान के नाम पर मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया है।सरगुजा वन श्रृंखला से जुड़े होने के कारण कोरबा तेंदुआ व बाघ के विचरण मवेशियों के शिकार से ही पता चल जाता है। संरक्षित जीवों के शिकार की आशंका भी बढ़ गई है। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग ने सक्रियता बढ़ गई है।

केंदई रेंज धान की फसल को नुकसान पहंचा रहे हाथी अब सिरमिना से निकलक कोरबी जंगल में पहुंच गए हैं। 58 हाथियों के एक ही झुंड में विचरण को लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। इस क्षेत्र में अभी भी धान फसल की पूरी कटाई नहीं हो पाई है। वन विभाग की ओर से किसानों को खेत की ओर जाने के लिए मना किया गया है। दल के अलाव दो लोनर हाथी अभी दो अलग-अलग स्थान विजयपुर व मदनपुर में विचरण कर रहे हैं। एक अन्य लोनर हाथी वापस सूरजपुर जंगल की ओर लौट गया है।

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