लापरवाही : अस्पताल में भरती युवक ने लगाई फाँसी..कर्मचारियों को नही लगी खबर

लोरमी, राहुल यादव
मुंगेली जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल लोरमी में एक युवक के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. जहां अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. आपको बता दें पूरा मामला बीते रात का है जहां पर बलौदाबाजार निवासी 47 वर्षीय अनिल जायसवाल लोरमी में किराए के मकान में रहते हुए धान भूसा सप्लाई करने का काम करता था. जो 50 बिस्तर अस्पताल में भर्ती था. जिनका उपचार पिछले तीन दिनों से चल रहा था. जो कल अचानक रात में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि लोरमी के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही है और 24 घंटे स्वास्थ्य कर्मचारी तैनात रहते हैं जिसके बाद भी फांसी के फंदे में युवक लटकते हुए आत्महत्या कर लिया. बता दें कि मृतक बीते 7 सितंबर को डायबिटीज शुगर और फीवर की शिकायत पर 50 बिस्तर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जो आइसोलेशन वार्ड में अपने ही गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.

इस पूरे मामले में लोरमी के बीएमओ डॉ जीएस दाऊ ने कहा कि युवक डायबिटीज और शुगर की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कियॉ गया था जिनका आज कोरोना जांच होना था और रात में युवक ने आत्महत्या कर लिया, वहीं पुलिस टीम की मौजूदगी में पंचनामा के बाद कोरोना टेस्ट किया गया जिसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी नवनीत कौर व थाना प्रभारी केसर पराग समेत पुलिस टीम घटना स्थल पहुँचकर मुआयना किया. इस दौरान लोरमी के थाना प्रभारी केसर पराग ने जांच के बाद आगे की कार्यवाही करने की बात कही है।

मिली जानकारी के मुताबिक एकतरफ बीमारी से पीड़ित युवक फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया जिनका रेपिड टेस्ट में कोरोना जांच पॉजिटिव आया है. तो दूसरी तरफ मृतक के मां की मौत बलौदाबाजार में आज सुबह हो गई है जिनका अंतिम संस्कार गृहग्राम में करने के बाद परिजन शव को लेने लोरमी आएंगे।

वहीं युवक की फांसी में लटकती लाश देखकर सभी कर्मचारी हैरत में पड़ गए है कि जिस युवक का अस्पताल में उपचार चल रहा था उसने आत्महत्या क्यों कि? जिस स्थिति में मृतक की लाश फंदे से लटकती हुई मिली है वो संदिग्ध अवस्था मे दिखाई पड़ रही है तो कही न कहीं अस्पताल प्रबंधन की भी लापरवाही नजर आ रही है.

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