सीजीपीएससी में आशीष ने पाई सफलता, बने डिप्टी कलेक्टर
कोरबा 12 सितम्बर। कोरबा जिले के अंतिम छोर पोंडी.उपरोडा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बूढ़ापार के रहने वाले आशीष कुमार पेन्द्रों ने सीजीपीएससी की परीक्षा में सफलता पाते हुए डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं। उनका पूरा बचपन संघर्षों के बीच बीता है। बचपन में ही महज़ 10 वर्ष की उम्र में ही माता-पिता का देहांत हो गया। चाचा बनवारी लाल पेन्द्रों व चाची कलेश्वरी सिंह पेन्द्रों ने आशीष का पालन पोषण किया और आगे की पढ़ाई कराई। लेकिन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले आशीष को आर्थिक परेशानियों से भी जूझना पड़ा।
डिप्टी कलेक्टर बने आशीष कुमार पेन्द्रों ने शासकीय स्कूल से ही शिक्षा ग्रहण की, जहां उन्होंने कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाई गांव के ही शासकीय स्कूल से प्राप्त की। फिर कक्षा 6 से 10 तक की शिक्षा शासकीय स्कूल छुरी से प्राप्त करने के बाद कक्षा 11 से 12 तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल कटघोरा से प्राप्त की। आशीष पेन्द्रों ने अपनी मेहनत से शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय बिलासपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। इसी बीच वे सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी भी करते रहे। उन्होंने इसके लिए कोई भी ट्यूशन नही लिया। आशीष ने सीजीपीएससी की प्रथम परीक्षा में ही कड़ी मेहनत कर जिला सेनानी पद पर सफलता पाई, लेकिन उनका मुकाम और सोच बड़ी थी इसलिए उन्होंने आगे की तैयारी प्रारम्भ रखी और सीजीपीएससी के दूसरे प्रयास में बड़ी सफलता पाते हुए डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित हुए।
सीजीपीएससी की तैयारी करने के लिए उन्होंने दिल्ली के कोचिंग सेंटर से शिक्षा लेने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्य से उसी वक्त कोरोना संक्रमण बढऩे से लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई। साथ ही आर्थिक समस्या के कारण वे आगे की पढ़ाई नही कर सके और वे कोचिंग छोड़ वापस अपने घर आ गए। आशीष को आगे की पढ़ाई कोरोना काल में घर पर ही रहकर करनी पड़ी, लेकिन कठिन परिश्रम से उन्होंने सीजीपीएससी में दूसरी बड़ी सफलता पाई और डिप्टी कलेक्टर में उनका चयन हुआ। उनकी सफलता पर छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें 1 लाख के पुरुस्कार से सम्मानित किया।