अनाधिकृत वाहनों में अधिकृत वाहनों का नंबर प्लेट फर्जी तरीके से लगाकर एसईसीएल की खदानों में डीजल और कोयला की चोरी
कोरबा 29 अगस्त। अनाधिकृत वाहनों में अधिकृत वाहनों का नंबर प्लेट फर्जी तरीके से लगाकर एसईसीएल की खदानों में डीजल और कोयला की चोरी जोर-शोर से चल रही है। कुसमुंडा की खदान इस मामले में हॉट स्पॉट बनी हुई है। खदान के भीतर चलाने के लिए प्रबन्धन और कम्पनी के द्वारा वाहनों को हायर किया जाता है। इन हायर किये गए अधिकृत वाहनों की आड़ में अनाधिकृत वाहनों में अधिकृत वाहन का नम्बर प्लेट लगाकर तथा उसी तरफ से प्रदर्शित होने वाली सामग्रियां जैसे बत्ती पोस्टर, नेम प्लेट लगाकर धोखा दिया जा रहा है। इस तरह का मामला तीन-चार दिन पहले सामने आया जिसमें एक बोलेरो को त्रिपुरा रायफल्स के जवानों ने पकड़ा। उसमें फर्जी नम्बर प्लेट लगाया गया था जो दूसरे अधिकृत वाहन का होना पाया गया है।
इस मामले में पुलिस को कुसमुंडा प्रबन्धन के सुरक्षा अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में खदान से हो रही डीजल चोरी को एक तरह से स्वीकार करते हुए कार्रवाई का आग्रह किया गया है। पुलिस को बताया गया है कि कुसमुण्डा परियोजना की सुरक्षा के लिए नियुक्त त्रिपुरा स्टेट रायफल्स टीएसआर कम्पनी के सहायक कमान्डेन्ट के अनुसार 25 अगस्त 2023 रात्रि पाली में कुसमुण्डा खदान में त्रिपुरा स्टेट रायफल्स की क्यूआरटी पार्टी ने देखा कि चाकलेट कलर की एक कैम्पर कुसमुण्डा खदान परिसर में घूमती हुई संदेहास्पद नजर आई जिसे क्यूआरटी टीएसआर द्वारा पीछा किया गया तो उक्त कैम्पर का ड्राईवर विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग वर्कशॉप नं0.1 के गेट के पास छोड़कर भाग गया। गाड़ी का जाँच करने पर यह पाया गया कि उक्त गाड़ी डीजल चोरी में लिप्त है जिससे यह साबित होता है कि वाहन कमांक सीजी 12 बीई 1748 कुसमुण्डा खदान में अधिकृत रूप से नियुक्त की गई है। परन्तु उक्त गाड़ी जो चोरी में लिप्त है उसका चेचिस नं0 एमएआरवाए 2टीएनकेएम 96057 है। जबकि अधिकृत गाड़ी का चेचिस नम्बर एम ए 1 आर वाए 2 टी एम एन के एम-3 डी 87414 से मेल नही खाता है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि वाहन कमांक सीजी 12 बीई.1748 का नम्बर उपयोग करते हुए डीजल चोरी हेतु अनाधिकृत रूप से वाहन का उपयोग कर टीएसआर सुरक्षा कर्मियों को गुमराह करते।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कुसमुंडा खदान में शब्बीर के द्वारा चोरी का काम कराया जा रहा है। इसी तरह दीपका व गेवरा खदान में श्यामलाल के संरक्षण में डीजल की चोरी की और कराई जा रही है। एसईसीएल की खदानों में चलने वाले भारी वाहन और डीजल चलित मशीनरी इनके निशाने पर है। पकड़ा गया वाहन शब्बीर गिरोह का होना बताया जा रहा है। वैसे कुसमुंडा खदान में चोरी का डीजल बड़े पैमाने पर भीतर ही ट्रांसपोर्ट के चिन्हित वाहनों में खाली किया जा रहा है। बड़ी मात्रा में डीजल खदान से बाहर लाने के दौरान कभी-कभार ही धर-पकड़ होती है। दीपका व गेवरा खदान में सफेदपोश श्यामलाल गिरोह संचालित करवा रहा है। इसी तरह इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के डिपो से गन्तव्य के लिए रवाना टैंकरों को गोपालपुर,कटघोरा औऱ पाली में खपाया जा रहा है। कटघोरा और पाली में यह काम काफी जोरों पर चल रहा है। इस मामले में मुखबिर या तो सेट हैं या फिर सक्रिय नहीं हैं या फिर विभाग गुमराह हो रहा है।