जन्म के बाद गंभीर नवजात बच्चे को आक्सीजन नहीं मिलने से मौत

कोरबा 29 अगस्त। शहरी क्षेत्रों में संचालित उप स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी पर अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाह होने का आरोप लगता रहता है। ढोढीपारा उप स्वास्थ्य केंद्र में आक्सीजन सुविधा नहीं होने के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। स्वजनों ने अस्पाताल में जमकर हंगामा करते हुए इसे स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

कोहडिय़ा निवासी प्रकाश कुमार अपनी गर्भवती पत्नी दिव्या को रविवार को ढोढ़ीपारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए भर्ती कराया था। उस समय डाक्टरों ने सामान्य प्रसव से जन्म होने की बात कही थी। प्रकाश व उसके स्वजन प्रसव होने का इंतजार करते रहे। देर रात बीत जाने के बाद भी प्रसव नहीं हुआ और दिव्या की दशा बिगड़ती गई। अंत में आपरेशन के जरिए प्रसव किया गया। जन्म के बाद ही बच्चे की हालत ठीक नहीं थी। सुबह होते तक बच्चे का स्वास्थ्य और अधिक बिगड़ गया। प्रकाश व उसके स्वजन अस्पताल के डाक्टर को बुलाने के लिए मिन्नत करते रहे लेकिन समय पर डाक्टर नहीं पहुंचे। स्वास्थ्य कर्मियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी। बच्चे की दशा को देखते हुए एंबुलेेंस की सुविधा दी जा सकती थी लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वजनों को गंभीर बच्चे के साथ उनके हाल पर ही छोड़ दिया।आनन फानन में प्रकाश आटोरिक्शा में अपने नवजात बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। स्वजनों का आरोप है कि आक्सीजन मास्क नहीं लगाए जाने के कारण नवजात बच्चे की रास्ते में ही मृत्यु हो गई। नाराज स्वजन मृत बच्चे को लेकर ढोढ़ीपारा अस्पताल वापस पहुंचे और यहां स्वास्थ्य कर्मियों को खरी खोटी सुनाई। किसी तरह मान मनौवल कर मामला शांत कराया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं तो है लेकर उसे उपलब्ध कराने के प्रति स्वास्थ्य प्रबंधन गंभीर नहीं है। प्रकाश का कहना हैं बच्चे की गंभीर दशा को देखते हुए उन्होने एंबुलेंस सुविधा की मांग की थी पर स्वास्थ्य कर्मियों कम दूरी का हवाला देते हुए आटो रिक्शा में ले जाने की सलाह दे दी। यदि बच्चे को एंबुलेंस सुविधा दी जाती तो वह जीवित होता। जिला अस्पताल में 24 घंटे आक्सीजन युक्त वाहन उपलब्ध होने की बात कही जाती है लेकिन बच्चे की मौत ने इस व्यवस्था की कलाई खोल कर रख दी है।

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