रेल्वे ने युवतियों और महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए मेरी सहेली नेटवर्क किया लॉन्च

कोरबा 07 अगस्त। रेलगाडिय़ों में सफर के दौरान यात्रियों को सुरक्षा देने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स काम कर रहा है । खासतौर पर बच्चों और महिलाओं के मामले में विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि यात्रा करते समय उन्हें किसी प्रकार से असुरक्षा का एहसास ना होने पाए। चाइल्डलाइन और सीडब्ल्यूसी से सीधे जुड़े होने के कारण रेलवे ने अब तक लाखों बच्चों को तस्करों के चंगुल में फंसने से बचाया है।

प्रतिदिन कई करोड़ लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम भारतीय रेलवे कर रहा है। लगातार सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ यात्रियों को सहूलियत देने की कोशिश जारी है। इसी कड़ी में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने रेलगाडिय़ों में अकेले सफर करने वाली युवतियों और महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए मेरी सहेली नेटवर्क लॉन्च किया है। यह कैसे काम करता है, इस बारे में जानकारी दी सहायक सुरक्षा आयुक्त और कोरबा के आरपीएफ पोस्ट इंचार्ज चेतन जिचकर ने। चेतन जिचकर, प्रभारी आरपीएफ बच्चों की सुरक्षा को लेकर नन्हे फरिश्ते कार्यक्रम रेलवे चला रहा है। बाल और महिला तस्करी जैसे मामलों की रोकथाम के लिए भी रेलवे गंभीर कोशिश कर रहा है। अब तक उसने इस कड़ी में लाखों बच्चों को बचाने का काम किया है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स समय-समय पर सुरक्षा के विषय को लेकर अलग-अलग अभियान संचालित करता है। रेलगाडिय़ों की जांच के दौरान संदिग्ध लोगों की पहचान करने के अलावा स्टेशनों के आसपास ट्रैक सुरक्षा के लिए भी उसकी ओर से कामकाज जा रहे हैं ऐसे ही प्रयासों से यात्रियों और रेल संपत्ति की सुरक्षा संभव हो पा रही है।

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