लूटपाट में हुए असफल, लुटेरों ने दो युवकों को किया जख्मी
कोरबा 25 जुलाई। कनकी पेट्रोल पंप के पास रात्रि को करीब एक दर्जन युवकों के हमले में दो युवक बुरी तरह से घायल हो गए। उनका दोष इतना था कि लूटपाट करने पर आपत्ति जताई थी। पुलिस इस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है।कोरबा शहर से लगभग 18 किमी दूर पिछली रात्रि को यह घटना हुई।
जानकारी के अनुसार 10 से अधिक आरोपियों ने इस रास्ते पर लूटपाट की घटना को अंजाम देना चाहा। इस मार्ग से आने-जाने वाले कई लोगों को उन्होंने निशाने पर लिया और महंगा सामान लुटने की योजना बनाई। ऐसे ही एक मामले में बाइक पर आए दो युवकों को रोककर वाहन व मोबाईल लूटने का प्रयास किया। मारपीट करने वाले आरोपी कोरबा स्थित सीमागढ़ी ईलाके के बताए जा रहे है। वारदात में कटघोरा में रहने वाला पीडि़त संजय कुमार कोरबा निवासी अपने साथी शत्रुहन केंवट घायल हुआ है जो भोले बाबा के दर्शन हेतु कनकी जा रहे थे। पेट्रोल पंप के पास आरोपियों ने दोनों को रुकवाया लेकिन नहीं रुके। कुछ दूर जाकर दोनों ने जब अपनी बाइक रोकी तब आरोपी दोनों पर टूट पड़े। पीडि़तों को पीट और कई हिस्सों में चोटें आई है। मारपीट होते देख यहां से निकलने वाले कुछ राहगीरों ने जब संज्ञान लिया तो आरोपी भाग खड़े हुए। मारपीट की घटना में संजय को अधिक चोट लगी है। अस्पताल में उपचार करने के बाद दोनों उरगा थाना पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। उसके बारे में मिली जानकारी के आधार पर टीमें सक्रिय की गई है जो उनकी तलाश करने में लगी है।
विभिन्न क्षेत्रों में छोटी-बड़ी चोरियों से संबंधित कई प्रकरण लंबे समय के बाद भी हल नहीं हो सके हैं। मामला दर्ज करने के साथ पुलिस इस सिलसिले में जांच कर रही है। स्थिति यह है कि न तो आरोपी मिले और न ही सामान। कोरबा शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत कोसाबाड़ी में 29-30 जून 2020 की रात विकास अग्रवाल के आवास पर हुई 30 लाख की चोरी का मामला इस कड़ी में पहेली बना हुआ है। पांच टीमों के द्वारा जांच.पड़ताल और कई दर्जन सीसीटीवी कैमरे को चेक करने के बाद भी नतीजे अप्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी से संबंधित ऐसे कई प्रकरण में अनुसंधान की दिशा बदली गई है ताकि आरोपियों को दबोचने में सफलता प्राप्त हो। जानकारी मिली कि चोरों के द्वारा अपनाए जा रहे नए पैतरों को काटने के लिए पुलिस उनके ही अंदाज में काम कर रही है। इसके लिए नेटवर्क की मजबूती के साथ-साथ गुप्तचरों को भी एडवांस किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह सब करने के फायदे लक्ष्य प्राप्ति में हो सकते हैं।