चोरी के आरोप से नाराज डंपर ऑपरेटर्स ने काम किया ठप्प
गेवरा माइंस में सीआईएसएफ के रवैये से तनातनी
कोरबा 24 जुलाई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अंतर्गत आने वाली दुनिया की सबसे बड़ी गेवरा कोल माइंस में मध्य रात्रि को जमकर हु़ए तमाशे के बाद डम्पर ऑपरेटर नाराज हो गए और कामकाज ठप कर दिया। सुरक्षा बल के साथ उनकी इस बात पर ठनी कि उसने बोगस आरोप क्यों लगाया। उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची जिसके बाद काफी मशक्कत की गई और स्थिति बहाल कराई गई।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार रविवार की रात गेवरा खदान के वेस्ट सेक्शन में डंपर ऑपरेटर और सीआईएसएफ के बीच तनातनी हो गई मामला उस समय और बढ़ गया जब ष्टढ्ढस्स्न के जवान ने खुलेआम डम्पर ऑपरेटर को चोर कहा और यह भी आरोप लगाया कि ऑपरेटरों का डीजल चोरों के साथ सांठगांठ है। विवाद बढ़ता देख मौके पर ट्रेड यूनियन के नेता और प्रबंधन के प्रोजेक्ट मैनेजर और बड़े अधिकारी मोके पर पहुंच गए। इस दौरान लगभग 50 से 60 डंपर उत्पादन कार्य को रोक काम को अवरुद्ध कर दिया । बताया गया कि ऑपरेटर ने मांग किया कि जब तक सीआईएसएफ के जवान माफी नहीं मांगेगा डंपर ऑपरेटर काम पर नहीं जाएंगे। किसी तरह देर रात तक मामला बाद में सुलह कराया गया। हालांकि इससे पहले भी इस तरह के वाक्ये खदानों में आते रहे हैं और खासतौर पर चोरियों को लेकर कई तरह की बातें की जाती रही है। इसी चक्कर में पिछले महीने एरिया सिक्यूरिटी ऑफिसर का स्थानांतरण कर दिया गया और उनकी जगह दूसरे अधिकारी को यहां पदस्थ किया गया।
एसईसीएल प्रबंधन अपनी खदानों में अवैध कार्यों की रोकथाम को लेकर कई स्तर पर प्रयत्न कर रहा है। उसने इसके लिए अर्धसैनिक बल, सीआईएसएफ और त्रिपुरा राइफल्स की तैनाती कर रखी है। इसके अतिरिक्त विभागीय सुरक्षा की व्यवस्था पहले से है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सुरक्षा इंतजामों को लेकर हर महीने कई करोड़ का भुगतान होने के बावजूद परिस्थितियां अनुकूल नहीं है। सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने इस मसले को लेकर बताया कि देर रात्रि को खदान में एक वाहन के ब्रेक डाउन होने के दौरान यह सब हुआ। सीआईएसएफ स्थिति को समझने गया था। खदानों में अक्सर चोर.उच्चक्के आते हैं। ऐसे में इस तरह की प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। ऑपरेटर ने बात को समझने में भूल की।