रोजगार प्रकरणों के निराकरण को लेकर भू-विस्थापित 16 जून को करेंगे महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव
कोरबा 12 जून। भू-विस्थापितों के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ द्वारा पुन: आंदोलन की तैयारी जुट गया है। कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपते हुए 16 जून को कार्यालय का घेराव व 26 जून को खदान बंद की चेतावनी दी है।
सभा को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू-विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेने का समय आ गया है। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दिए गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित और उनके परिवारों की सुध लेने की सरकार और एसईसीएल के पास समय ही नहीं है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया। जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, स्थाई रोजगार देना होगा, छोटे-बड़े सभी खातेदार को नौकरी देना होगा। भू-विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के प्रभावित 588 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं।
किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,रघु यादव, सुमेंद्र सिंह कंवर ने कहा कि भू-विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा। इस दौरान उपस्थित भू-विस्थापितों ने कहा की 16 जून को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव में प्रभावित गांव के हजारों पीडि़त परिवार समेत करेंगे। इस दौरान बृजमोहन दीननाथ, लंबोदर, जय कौशिक, बसंत चौहान, घनाराम, फिरथ लाल, उत्तम दास, हेमदास, शिवदास, नरेश दास, रामखिलावन, जितेंद्र, होरीलाल,अनिल बिंझवार, हेमलाल, हरिहर पटेल, कृष्णा के साथ प्रभावित भू-विस्थापित उपस्थित रहे।