विद्युत टावर गिराने में कबाड़ चोरों की भूमिका आई सामने, कंपनी को पहुंचा 70 लाख का नुकसान
कोरबा 29 मई। ग्राम मादन के पास तेज आंधी की वजह से गिरे 400 केवी लाइन क्षमता के तीन टावर को हटाने का काम शुरू कर दिया गया। तदुपरांत ट्रांसमिशन पारेषण कंपनी द्वारा नया टावर खड़ा किया जाएगा। कंपनी के कर्मी माह में एक बार पेट्रोलिंग कर टावर का निरीक्षण करते हैं, इसका फायदा कबाड़ चोरों ने उठाया और टावर के नीचे के एंगल काट कर ले गए।
पाली ब्लाक के ग्राम मादन के पास विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी के उच्च दाब क्षमता लाइन का टावर गिराने में कबाड़ चोरों की भूमिका एक बार फिर सामने आ गई है। कंपनी को लगभग 70 लाख का नुकसान पहुंचा, वहां बिजली आपूर्ति भी अन्य लाइन डायवर्ट करना पड़ गया। इससे कंपनी को अतिरिक्त नुकसान झेलना पड़ रहा है। ट्रांसमिशन कंपनी से जुड़़े जानकारों का कहना है कि टावर खड़ा होने के बाद निगरानी भी की जाती है, पर वर्तमान में कर्मियों की कमी वजह से माह में एक बार ही पेट्रोलिंग की जा रही है और इसका फायदा कबाड़ चोर उठा रहे हैं। टावर का एंगल काटने के पहले चोर लगातार रैकी करते हैं, ताकि उन्हें कंपनी के कर्मियों के पेट्रोलिंग करने की जानकारी मिलती रहती है। चूंकि एक बार निगरानी के बाद दोबारा एक माह में निगरानी करने टीम जाती है। इसका फायदा चोर उठाते हैं और एक माह के भीतर ही चोरी कर लेते हैं। ग्राम मादन के पास हुई घटना को भी इसी दृष्टि से देखा जा रहा है। कंपनी के कर्मियों द्वारा पुलिस में लिखित में भी शिकायत की जाती है, पर अभी तक कार्रवाई नहीं होने से चोरों के हौसले बढ़े हुए हैं। मादन में हुई चोरी की लिखित शिकायत कंपनी द्वारा पुलिस में की गई है। इसके साथ ही कंपनी के तकनीकी अमले ने टावर खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सावधानी पूर्वक पहले तार हटाया जाएगा, इसके बाद टावर खोल कर पुन: नए सिरे से टावर खड़ा किया जाएगा।
टावर से एंगल काट कर चोरी करना कोई पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी घटनाएं हो चुकी है। ग्राम छुरी के पास वंदना कंपनी के टावर का एंगल चोरों ने लिया था, इससे टावर झुक कर विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी के टावर लाइन में झूल गया। घटना में 24 घंटे से अधिक वक्त तक अंबिकापुर संभाग में बिजली बंद रही थी। इसी तरह पाली ब्लाक क्षेत्र में ग्राम टेवर के पास टावर का एंगल चोरी किया गया था। इससे टावर गिर पड़ा था और बिजली आपूर्ति बंद हो गई थी। अंबिकापुर क्षेत्र में भी चोरों ने टावर को निशाना बनाया था, इससे टावर नीचे गिर गया था।