ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फेरा हाथियों ने, बड़ी मात्रा में रौंदी फसल
कोरबा 24 मई। वनमंडल कोरबा के पसरखेत रेंज में सक्रिय हाथियों के दल में से 23 हाथी एक बार फिर अलग होकर कोरबा रेंज के ग्राम कमरन-बताती पहुंच गए हैं जबकि 28 हाथी अभी भी पसरखेत के जंगल में विचरण कर रहे हैं। दल से अलग हुए हाथियों ने कमरन.बताती पहुंचने से पहले रास्ते में छिंदकोना गांव में एक दर्जन से अधिक किसानों की फसल रौंद दी है। हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने से ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
ग्रामीणों ने गर्मी के मौसम में दिन-रात तपकर बड़ी मेहनत से फसल को तैयार किया था। फसल के पकने के बाद उसे खलिहान ले जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन बीती रात हाथियों ने खेतों में पहुंचकर उत्पात मचाते हुए इस फसल को रौंद दिया। हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने से ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है वहीं उनकी अरमानों पर भी पानी फिर गया है। चूंकि हाथियों के उत्पात से प्रभावित गांव छिंदकोना पसरखेत रेंज में आता हैए सो वहां का स्टाफ जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचकर नुकसानी के आंकलन में जुट गया है। एक अनुमान के मुताबिक हाथियों ने अपने ताजा उत्पात में ग्रामीणों को हजारों रुपए की चपत लगाई है। हाथियों की जिले में लगातार बढ़ रहे उत्पात से ग्रामीण काफी हलाकान हैं। उनके द्वारा हाथी समस्या के समाधान की मांग लगातार की जा रही है लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही वन विभाग। जिससे ग्रामीण जानो.माल का नुकसान सहने को मजबूर हैं। जब भी हाथियों द्वारा उत्पात मचाकर बड़ा नुकसान किया जाता है वन विभाग तथा जिला प्रशासन लेमरू रिजर्व का सब्जबाग दिखाकर मरहम.पट्टी लगाता है। लेमरू रिजर्व की योजना बनकर तैयार है लेकिन अभी तक यह धरातल में नहीं उतर पाया है। लेमरू रिजर्व के संबंध में सरकार प्रस्ताव तैयार कर कुछ प्रारंभिक कार्यों को अंजाम दिया है लेकिन जरूरी काम अभी होना बाकी है।
उधर कटघोरा वनमंडल में हाथी समस्या लगातार जारी है। यहां के केंदई व पसान रेंज को हाथियों ने स्थायी बसेरा बना लिया है। बड़ी संख्या में हाथी यहां काफी दिनों से घूम रहे हैं और लगातार उत्पात मचा रहे हैं। ग्रामीणों के घरों को ध्वस्त भी किया जा रहा है तथा फसल रौंदी जा रही है। लेकिन इसे रोकने में वन अमला लाख कोशिशों के बावजूद नाकाम है। केंदई रेंज के लालपुर डंपिंग एरिया में लगभग एक दर्जन हाथी अभी भी घूम रहे हैं। बीती रात हाथियों के इस दल ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है।