छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने महापौर राजकिशोर प्रसाद को सौंपा ज्ञापन

कोरबा 24 मई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा कुछ मांगों के संबंध में राज्य शासन को समय.समय पर ज्ञापन देकर निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा है। फेडरेशन कई चरणों में आंदोलन कर शासन-प्रशासन को जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है। लेकिन निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी आक्रोशित हैं।

उल्लेखनीय है कि फेडरेशन ने 14 सूत्री मांगों को लेकर 3 सितंबर 2021 का प्रदेश बंद कराया था।उक्त आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री द्वारा समय सीमा तय करते हुए पिंगुआ कमेटी गठित की गई। लेकिन उक्त कमेटी द्वारा आज दिनांक तक सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। जिसके कारण कर्मचारी व्यथित है। फेडरेशन वर्ष 2022 में अपने मौलिक अधिकार महंगाई भत्ताए सातवें वेतनमान अनुसार गृहभाड़ा भत्ता एवं डी ए एरियर्ष के लिए निश्चित कालीन एवं ऐतिहासिक अनिश्चितकालीन आंदोलन भी कर चुका है। प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे एवं फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ 2 सितंबर 2022 को मीडिया के समक्ष हुए सशर्त समझौते अनुसार पूर्ण आदेश जारी किया जाना था किंत, आंशिक आदेश जारी होने से सरकार के प्रति कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

26 फरवरी 2023 को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आयोजित हुए बैठक में शासन पर उपेक्षा पूर्ण रवैया का आरोप लगाते हुए लोकतांत्रिक विरोध एवं मांगों के निराकरण हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए चरणब आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत प्रथम चरण में दिनांक 3 मार्च को जिला/ ब्लाकध्तहसील स्तरीय रैली निकालकर प्रदर्शन एवं द्वितीय चरण में दिनांक 18 मार्च को रायपुर में प्रांत स्तरीय जंगी प्रदर्शन किया गया। उनकी मुख्य मांगो के अनुसार लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण साथ ही सहायक शिक्षक एवं समस्त एलबी संवर्ग की पूर्व सेवा की गणना वेतन विसंगति एवं समस्त लाभ शिक्षा विभाग संवर्ग, स्वास्थ्य विभाग संवर्गए महिला बाल विकास विभाग, पशुपालन सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति सहित 14 सूत्रीय मांगों के लिए दिनांक 17 सितंबर 2021 को गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को तत्काल सौंपी जाए। प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को लंबित 9: महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान अनुसार गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाए। जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए। साथ ही घोषणा पत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को शीघ्र पूरा किया जावे। प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर अपनी मांगों को लोकतांत्रिक तरीके से शासन के समक्ष रखने के लिए रायपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पंडरी पुराना बस स्टैंड रायपुर को धरना स्थल घोषित किया जाए।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध विभिन्न मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठनों की बैठक दिनांक 17 मई को शिक्षक सदन घंटाघर कोरबा में आयोजित कर सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया की मुख्यमंत्री के संज्ञान में उपरोक्त मांगों के समाधान के लिए जन प्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जावे। इस कड़ी में 23 मई को महापौर राज किशोर प्रसाद एवं सभापति श्याम सुंदर सोनी को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन कोरबा के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर संयोजक के आर डहरिया, महासचिव तरुण राठौर, संरक्षकप्यारे लाल चौधरी, संरक्षक सुरेश कुमार द्विवेदी, कार्यकारी संयोजक जे पी खरे, उपाध्यक्ष टी आर कुर्रे, सचिव आर डी केसकर आदि भारी संख्या में कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।

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