बांगो बांध का जल स्तर गिरा 6.16 मीटर, सिंचाई के लिए बीते वर्ष की तुलना में हुई कम

कोरबा 17 मई। बांगो बांध का जल स्तर मानसून आगमन से अब तक 6.16 मीटर गिरा है। इसकी पूर्ण भराव क्षमता 369.66 मीटर हैए जो कम होकर 352.50 मीटर हो गया है। वर्तमान में बांध में कुल भराव का 61 प्रतिशत भराव शेष है, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल माह में हुई वर्षा की वजह से इस बार ग्रीष्म फसल के लिए पानी देने की नौबत कम आई है।

बांगो बांध के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग बीते वर्ष की तुलना में कम हुई है। किसानों इस बार धान की फसल कम लगाई है। ऐसे में नहर से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की आवश्यकत बहुत कम पड़ी। बायीं तट नहर को बंद किया जा चुका है। दायीं तट नहर से अभी 1750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से सिंचाईए निस्तारी और उद्योगों को पानी देने के अलावा गर्मी के कारण जल स्तर में कमी आती है। इस बार मार्च माह से शुरू हुई गर्मी के बाद 1.43 मीटर पानी तापमान की भेंट चढ़ गई। बीते पांच वर्षों के भीतर मई माह शुरूआत में जल स्तर पर गौर किया जाए तो वर्ष 2019 में 351.40 मीटर था। इसी तरह 2020 में 355.76ए 2021 में 352.66 मीटर था। इसी तहर 2022 में यह 350.92 हो गया है। वर्तमान में जल स्तर 352.50 है। मई माह की शुरूआत में ही जल स्तर आई गिरावट से भीषण गर्मी का अनुमान लगाया जा सकता है। बताना होगा कि बांगो के दर्री बांध से बालको, सीएसईबी, एचटीपीपी व एनटीपीसी जैसे बड़े उद्योगों को पानी आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा जांजगीर.चांपा और रायगढ़ जिले के 72 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलती है। पिछले दो वर्षों से निस्तारी के अलावा ग्रीष्म फसल के लिए भी पानी दी जा रही है। पिछले डेढ़ माह से नहर में पानी छोड़ा जा रहा। वर्षा के दौरान पानी के साथ बहकर आने वाली मिट्टी से भी बांध भर रहा है। इसका असर उसके भराव क्षमता पर पड़ रहा। उद्योग और सिंचाई के लिए पानी देने के एवज में बांध से हर साल 48 करोड़ राजस्व आय मिलती है। भराव क्षमता को बनाए रखने के लिए मिट्टी निकासी का काम नहीं किया जा रहा।

ग्रीष्म में सर्वाधिक गर्मी का महीना मई को माना जाता है। मई और जून की गर्मी अभी बाकी है। सप्ताह से तापमान का उतार चढ़ाव 41 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच जारी है। गर्मी और बांध से पानी छोड़े जाने के कार जल स्तर में गिरावट अभी लगातार जारी रहेगी। विभागीय अधिकारियों की माने तो बांध में पानी पर्याप्त है। सिंचाई और निस्तारी के लिए समस्या नहीं होगी।

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