नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर चारपारा के भू-विस्थापितों का प्रदर्शन जारी

कोरबा 09 मई। एनटीपीसी से प्रभावित भू-विस्थापित नौकरी और मुआवजा की मांग लेकर आइटीआइ तानसेन चौक में धरने पर बैठे है। प्रदर्शन के 17 वें दिन प्रभावित ने परिवार के साथ आंदोलन को मुखर किया। भू-विस्थापितों ने प्रबंधन के खिलाफ आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है।

मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर ग्राम चारपारा के भू-विस्थापित तानसेन चौक में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल राजन पटेल, विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, गणेश कुमार केंवट, राकेश कुमार केवट, घसिया राम केवट ने सोमवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आंदोलन के 17 दिन बाद भी एनटीपीसी प्रबंधन गंभीर नहीं है। प्रबंधन की ओर से 1979 में आम सूचना जारी कर कहा गया था कि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने जमीन स्वीकार किया है।

प्रभावित परिवार में एक व्यक्ति को योग्यताओं के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा। परियोजना का निर्माण कार्य बढऩे के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जाएंगे। चारपारा के लगभग 300 परिवार में से अब तक मात्र 38 लोगों को ही नौकरी दी गई है। अंतिम बार पांच लोगों को वर्ष 2000 में नौकरी दी गई है। जमीन अधिग्रहण के 44 साल बाद भी परिवार के किसी एक सदस्य को खाते अनुसार एनटीपीसी कोरबा में नौकरी नहीं दी गई है। परियोजना का निर्माण कार्य करते हुए 2009 तक 2100 मेगावाट था। 2010 में 500 मेगावाट निर्माण किया गया। जिसे मिलाकर अब तक 2600 मेगावट तक बना चुके है। प्लांट का विस्तार हो गया है लेकिन भू-विस्थापितों को नौकरी नही दिया गया। प्रभावितों ने कहा कि जब से प्लांट की शुरूवात की गई उस समय 2000 से अधिक कर्मचारी थे। 2011 आते तक लगभग 1700 कर्मचारी और आज 2023 में लगभग 650 कर्मचारी हो गये हैं। कर्मचारी की संख्या कम होने के बाद भी नई भर्ती नहीं की जा रही है। सीपत व अन्य एनटीपीसी भू-विस्थापितों को एनटीपीसी कोरबा में ट्रेनिंग कराने के नाम से नौकरी दिया जा रहा है। प्रभावितों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

Spread the word