निगम क्षेत्र में बढ़ेगी प्रापर्टी टैक्स, 67 वार्डो में सर्वे शुरू

कोरबा 06 मई। कोरबा जिला नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने 13 साल बाद 67 वार्डों में मकानों का सर्वे शुरू कर दिया है। इसके लिए 65 कर्मियों की ड्यूटी लगाई है। जून तक सर्वे का काम पूरा करने का समय तय किया गया है। दूसरी ओर अब पुराने टैक्स पर 6.25 प्रतिशत पेनल्टी देनी होगी। इसी तरह इस वर्ष का टैक्स जमा करने पर जुलाई तक 6 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी।

निगम ने 10 साल से टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की है। इस वजह से सर्वे से टैक्स बढ़ाने की कवायद की जा रही है। नगर निगम के आय का एक प्रमुख जरिया प्रॉपर्टी टैक्स ही होता है, लेकिन वर्ष 2008.09 के बाद मकानों का सर्वे ही नहीं हुआ है। इस वजह से प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में अभी तक 59 हजार 224 मकान और दुकान आ रहे हैं। इस हिसाब से ही डिमांड जारी होता है। औद्योगिक संस्थान बालको, सीएसईबी, एनटीपीसी, इंडियन आयल, एसईसीएल से भी निगम को टैक्स के रूप में एक बड़ी राशि मिलती है। 13 साल में लोगों ने मकानों का विस्तार कराने के साथ ही कई क्षेत्रों में नई बस्तियां भी बस गई हैं। राज्य शासन ने बिना अनुमति के मकानों में अतिरिक्त निर्माण कराने वालों को नियमितीकरण कराने की योजना लाई है। मकानों के आकार के हिसाब से ही टैक्स तय होता है। अगर मकान को किराए में दिया है, तो उनसे व्यवसायिक दर पर टैक्स वसूली की जाती है। कॉलोनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों ने मकानों को किराए पर दिया है, लेकिन टैक्स घरेलू दर पर ही दे रहे हैं। निगम ने मकानों का सर्वे और टैक्स वसूली का काम निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव लाया था, पर पार्षदों के विरोध की वजह से प्रस्ताव को रद्द करना पड़ा। 29 करोड़ के करीब इस बार प्रॉपर्टी टैक्स मिला निगम को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29 करोड़ के करीब प्रॉपर्टी टैक्स मिला है। मार्च तक 28 करोड़ 95 लाख 96 हजार रुपए की टैक्स वसूली हुई थी। राज्य शासन ने टैक्स जमा करने बिना पेनल्टी के 30 अप्रैल तक छूट दी थी। इससे ही टैक्स में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 4 करोड़ का पुराना टैक्स भी शामिल है।

इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगों को 30 की छूट राज्य शासन ने इंडस्ट्रियल एरिया के छोटे उद्योगों को टैक्स में छूट देने निगम से प्रस्ताव मंगाया था। एमआईसी ने 30 प्रतिशत तक छूट देने की मंजूरी देकर प्रस्ताव भेजा है। इसका लाभ 50 से अधिक छोटे उद्योगों को मिलेगा। निगम को इन उद्योगों से 3 करोड़ रुपए का टैक्स मिलता है।

नगर निगम के पास दुकानों की संख्या 2321 है। खाली पड़ी दुकानों का आवंटन करने की भी तैयारी की जा रही है। इससे भी किराया बढ़ेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में 4 करोड़ 54 लाख 17 हजार रुपए का टैक्स मिला था। इसके अलावा भी लोगों ने दुकान का विस्तार कर लिया है। इससे भी किराए में वृद्धि संभावित है। निगम के अपर आयुक्त खजांची कुम्हार ने बताया कि निगम क्षेत्र के मकानों का सर्वे शुरू करा दिया गया है। जून तक सर्वे पूरा करने कहा है। ठेका कंपनी से सर्वे कराने का प्रस्ताव निरस्त होने से विभागीय कर्मियों से करा रहे हैं। इसके बाद भी नए सिरे से मकानों का टैक्स निर्धारण होगा।

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