तिरछी नजर 👀

सरकारी ठेकों में भाजपा के लोगों का दबदबा

सरकारी विभागों में अभी भी भाजपा समर्थित ठेकेदार-सप्लायरों की तूती बोलती है। स्वास्थ्य विभाग में चोपड़ा उपनाम के सप्लायर का इतना दबदबा है कि एक प्रतिद्वंद्वी सप्लायर ने सीजीएमएससी के एमडी को पत्र लिखकर संस्थान का नाम चोपड़ा नाम से करने का सुझाव दे दिया है। बताते हैं कि चोपड़ा के लिए तो भाजपा के एक पूर्व मंत्री लाइजन अफसर की भूमिका में रहते हैं।
इसी तरह कृषि विभाग में भाजपा सांसद के करीबी सप्लायर जिग्नेश पटेल का ऐसा रूतबा है कि अफसर उन्हें एडवांस में आर्डर देने के लिए तत्पर रहते हैं। हालांकि इस गुजराती सप्लायर के खिलाफ रायगढ़ में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता लामबंद हो गए हैं, और उन्हें सप्लाई आर्डर देने के खिलाफ सीएम से मिलने वाले हैं। कृषि मंत्री पर भी पटेल को सरंक्षण देने का आरोप लग रहा है। अब आगे क्या होता है, यह देखना है।

नये विधायकों के कारनामे

भाजपा के आतंरिक सर्वे में सत्ता में वापसी कठिन हो चली है। मगर कांग्रेस के कई पहली बार के विधायकों की कारस्तानी ऐसी है कि सरकार के अच्छे कामों का फायदा नहीं मिल पा रहा है। चर्चा है कि पड़ोसी जिले के एक विधायक ने नोटरी बनाने के पर एक वकील से 4 लाख ले लिए। काम नहीं हुआ, तो हल्ला मच रहा है। इस विधायक के वसूली के अनगिनत किस्से लोगों की जुबान पर है।
सरगुजा संभाग के एक विधायक तो अपने इलाके के बड़े ठेकों में अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं। पत्नी को ऊंचे ओहदे पर बिठा दिया और अब अपने पिता को पार्टी का जिला अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। इससे स्थानीय नेताओं में काफी गुस्सा है।
बिलासपुर संभाग के एक विधायक ने तो अपने जन्म दिन के नाम पर खूब चंदा उगाही की, लेकिन खर्च नहीं किए। इससे परे एक महिला विधायक के अफसरों से दुर्व्यवहार चर्चा खूब होने लगी है। सरकार के रणनीतिकारों और पार्टी संगठन को रोजाना नए-नवेले विधायकों के बारे में आ रही रिपोर्ट ने चिंता में डाल दिया है।

जीपी सिंह का नया दांव

निलंबित एडीजी जीपी सिंह ने हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ रूख किया है। जीपी सिंह अपने खिलाफ चल रहे प्रकरणों की सीबीआई जांच चाहते हैं। 94 बैच के इस आईपीएस अफसर के खिलाफ अवैध वसूली, राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के केस चल रहे हैं। जीपी सिंह जेल में भी थे और अभी जमानत पर है। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने उनके यहां छापेमारी भी की थी और करीब 10 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया है। अब सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए केस लगाकर नई चाल चली है। आगे क्या होता है, यह देखना है।

संजीव शुक्ला चर्चा में

पीएचक्यू में पदस्थ आईजी डॉ. संजीव शुक्ला इन दिनों चर्चा में है। उन्होंने बेमेतरा जिले के बिरनपुर कांड के बाद माहौल को ठीक करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दुर्ग आईजी आनंद छाबड़ा के साथ मिलकर काम किया। संजीव लोकल हैं और वो रायपुर, दुर्ग व नांदगांव के एसपी भी रह चुके हैं। उनकी छवि भी अच्छी है। स्थानीय नेताओं और आम लोगों के बीच अच्छा संपर्क है। मगर कांग्रेस सरकार में उन्हें कोई अच्छी पोस्टिंग नहीं मिल पाई है। हालांकि पीएचक्यू में रहकर उन्होंने चिटफंड कंपनियों पर प्रभावी कार्रवाई की है। ऐसे में अब उन्हें रायपुर अथवा दुर्ग रेंज का आईजी बनाया जाता है, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

चुनाव अभियान समिति प्रमुख के लिए कौशिक का नाम…..!

भाजपा की ताकतवर कोर कमेटी और चुनाव अभियान कमेटी के सदस्यों का ऐलान जल्द होना है। चर्चा है कि पूर्व सीएम डां रमन सिंह ने चुनाव अभियान कमेटी के लिए खुद न बनने की स्थिति में धरमलाल कौशिक का नाम आगे बढ़ाया है। जबकि बृजमोहन अग्रवाल के लिए कुछ नेताओं ने जोर लगाया है। मगर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को केन्द्रीय नेतृत्व का पसंद माना जा रहा है। कुछ दिनों के बाद सब कुछ साफ होने की उम्मीद है।

तिरछी-नज़र@रामअवतार तिवारी, सम्पर्क-09584111234

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