कविता @ डॉ. सुधीर सक्सेना

सरस्वती

डॉ. सुधीर सक्सेना

1.

संगीत के
बहुकोणीय संग्रहालय में रखी है
वीणापाणि की वीणा

कितना न्यून है संग्रहालय का विशाल सभागार
महत्तर प्रतिभाओं से हीन
चमत्कारों से च्युत, स्मृति में लीन

भित्ति से टिकी है वीणा मौन
मौन से अनुगुंजित है भौन
बताते हैं गाइड आगंतुकों को
दिवसारंभ से संध्या तक श्रव्य यही आवृत्ति

‘‘यह है, साहेबान!
सरस्वती की असाध्य वीणा!’’

2.

कठिन है सिद्धि
और अत्यंत कठिन है
सरस्वती की आराधना

सारस्वत-कुल तलाशता है
विजन-वन में श्वेत-कमल
सर में, सरोवर में, तड़ाग में

लौटता है खाली हाथ, क्लांत
पंक है सर्वत्र, किंतु कहीं भी नहीं
श्वेत-पद्म

स्तब्ध है समय
नीरव, व्यग्र-विश्रांत।

3.

हस्तिनापुर से
निर्वासिता है वह
उसे कोई नहीं ध्याता
वह बस रस्मोरिवाज़ है
वरेण्य नहीं, त्याज्य है

हस्तिनापुर में भक्त हैं
लक्ष्मी के, काली के
करते हैं उलूकों की आराधना,
काली का खप्पर भरने की चिंता

हस्तिनापुर में सरस्वती नहीं,
सरस्वती की प्रतिमा है
क्या यह अवमानना नहीं सरस्वती की घोर
कि हस्तिनापुर से निर्वासित है
न जाने कब से सारस्वत-समाज।

4.

वह दण्डायुधपाणि नहीं,
वीणापाणि है,
शुभ्रवसना, उदार और चेतस्

भेद यही है
कि उसे भेद नहीं भाता
भेदों से नाता नहीं उसका,
भाता नहीं उसे
ज्ञान को ज्ञाति में बांधने का खेल

आशीषती है वह
ज्ञाति और लिंग से परे
गार्गी, अपाला और लीलावती को

वह चुनती है अपने औदार्य के लिए
कभी बाल्मीकि, कभी वेदव्यास
कभी बुद्ध, शंकराचार्य, तो कभी कबीर
कभी रवीन्द्रनाथ, तो कभी विवेकानंद

वह चुनती है बहुत चाव से
कभी जे. कृष्णमूर्ति, कभी महर्षि अ्रविन्दो
तो कभी भीमराव

इसी औदार्य से भरता है उसका भंडार
घट के पार छल-छल छलकता है अपार।

5.

वह सरस्वती है
अस्तित्व उसका युगातीत
युग-युगांतर सत्ता उसी की
उसके साम्राज्य में न कोई दरो-दीवार,
न कपाट
नतमस्तक सम्मुख उसके चक्रवर्ती सम्राट

उपस्थित वह वाचिक में, मुद्रित में
और तो और, आभासी में भी भासमान

विद्यवान वह द्वीपों में, महाद्वीपों में
व्याप्त वह ग्रामों, नगरों, महानगरों में

मुक्त, ज्योतिरूपा वह
बंदिनी नहीं किसी ज्ञाति, संप्रदाय या पंथ की
अनेकरूपा वह विश्वविहारिणी
व्यक्त होती है वह
अनेक लिपियों, वर्णमालाओं और ध्वनियों में
अबाध।

( डॉ. सुधीर सक्सेना देश की बहुचर्चित मासिक पत्रिका ” दुनिया इन दिनों” के सम्पादक, देश के विख्यात पत्रकार और हिन्दी के लोकप्रिय कवि, लेखक- साहित्यकार हैं। )

@ डॉ. सुधीर सक्सेना, सम्पर्क- 09711123909

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