प्रबंधन ने लगाया प्रतिबंध: गेवरा खदान में कामगार नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल
कोरबा 28 मार्च। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा परियोजना में अब सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। महाप्रबंधक ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कार्य क्षेत्र में मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोयला व मिट्टी उत्खनन ओवहरबर्डन क्षेत्र वृहद संवेदनशील हैं। यहां कार्य के दौरान ध्यान भटकाव जोखिम भरा होता है।
एसईसीएल की गेवरा खदान में 2500 नियमित और इतने ही आउटसोर्सिंग के ठेका कर्मी कार्यरत हैं। कोयला उत्पादन के लिए सावेल, ड्रिल, डंपर, सरफेस माइनर कटिंग मशीन का उपयोग किया जाता है। अभी कर्मचारी मोबाइल लेकर कार्यस्थल में पहुंच रहे हैं। देखा यह जा रहा है कि आपरेटर वाहन चलाते समय एंड्राइड मोबाइल का उपयोग करते हैं। इसकी वजह से उनका ध्यान भटकता है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। 15 दिन ही पहले ही खदान में पानी का छिघ्ड़काव करने वाली टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गई। बताया जा रहा है कि वाहन चलाते वक्त आपरेटर मोबाइल का उपयोग कर रहा था। इसके पहले भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। लागू किए गए सुरक्षा मानको को और सुदृढ़ करने गेवरा के महाप्रबंधक एसके मोहंती ने आदेश जारी कर खदान में कर्मचारियों को मोबाइल लेकर प्रवेश करने में प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रबंधन का मानना है कि इससे न केवल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि खदान के कार्य अवधि में भी वृद्धि होगी। मोबाइल में कर्मचारी समय खराब नहीं करेंगे। इससे उत्पादन और कोयला परिवहन दोनों में वृद्धि होगी। आगे इस नियम को पूरे एसईसीएल के साथ कोल इंडिया से संबंद्ध अन्य कंपनियों में भी विस्तार किया जा सकता है। एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डा सनीष चंद्र ने बताया कि नियम के उल्लंघन पर आउटसोर्सिंग के ठेका कर्मियों को काम से पृथक कर दिया जाएगा। साथ ही हमेशा के लिए कोल इंडिया के आउटसोर्सिंग पर काम पर रखने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। नियमित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें निलंबन तक की सजा का प्राविधान निर्धारित किया गया है। साथ ही सेक्शन इंचार्ज भी जिम्मेदार होंगे।
खदान के अंदर कुछ स्थल ऐसे हैं, जहां कम रोशनी रहती है। इसकी वजह से भारी भरकम डंपर चलाने वाले आपरेटर को दूर से कर्मी नजर नहीं आते और दुर्घटनाएं हो जाती है। इससे भी निपटने सभी विभागीय व ठेका कर्मियों को लाल रंग का फ्लोरोसेंट जैकेट पहनना भी अनिवार्य कर दिया है। जैकेट में लगे रेडियम की वजह से दूर से ही कर्मचारी नजर आ जाएगा और दुर्घटना की आशंका कम हो जाएगी। 14 अप्रैल से यह नियम लागू होगा।