ठेका में आरक्षण को लेकर भू-विस्थापितों ने चार घंटे बंद रखा खदान

कोरबा 13 मार्च। खदान से प्रभावित परिवारों के रोजगार, बसाहट, मुआवजा तथा भू-विस्थापित परिवारों को ठेका कार्य में 20 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से जुड़ी आठ सूत्रीय मांगों को भू-विस्थापितों ने सराईपाली परियोजना का काम बंद कर दिया। चार घंटा चले आंदोलन के बाद प्रबंधन ने प्रस्ताव मुख्यालय भेजने की जानकारी दी। साथ ही सीएमडी स्तर पर वार्ता कराने का आश्वासन दिया, तब प्रभावितों ने आंदोलन स्थगित किया।

उर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति बुड़बुड़ ग्राम इकाई समिति के नेतृत्व में साउथ ईस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड एसईसीएल कोरबा परियोजना के अंतर्गत सराईपाली बुड़बुड़ ओपन कास्ट कोयला खदान के प्रभावितों द्वारा आठ सूत्रीय मांग पत्र प्रबंधन को सौंपा गया था। इस बीच कई बार वार्ता भी हुई और प्रबंधन ने सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। रविवार को खदान प्रभावित ग्रामीणों ने उर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति एकाएक खदान में उतर कर काम बंद करा दिया। समिति के इकाई अध्यक्ष चंदन सिंह बंजारा ने बताया कि प्रबंधन के आश्वासन और मांगो पर कार्रवाई में लेट लतीफी से नाराज ग्राम वासियों ने आंदोलन के रास्ता अपनाने मजबूर किया।

एसईसीएल के दूसरे क्षेत्रों में जिन सुविधाओ को बहाल किया गया, उसे यहां भी लागू करने की मांग की जा रही है। एसईसीएल मुख्यालय से कहना है कि मेगा प्रोजेक्ट होने की वजह से दीपका कुसमुंडा व गेवरा के लिए विशेष पैकेज दिया जा रहा है । प्रबंधन के इस तर्क से ग्रामीण सहमत नही हैं। अगर यहां के भू-विस्थापितों के साथ न्याय नही किया गया तो आंदोलन का विस्तार होगा। आंदोलन की जानकारी मिलते ही परियोजना प्रबंधक व अन्य अधिकारी स्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से चर्चा कर मुख्यालय स्तर पर ग्रामीणों की बैठक कराने का आश्वासन दिया। साथ ही सभी मांग पर जल्द निर्णय लेने कहा। इसके बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया गया। आंदोलन की वजह से खदान में भारी वाहनों की आवाजाही थमी रही।

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