करोड़पति कांग्रेसी पार्षद व एमआईसी सदस्य कागजों में गरीबी रेखा के नीचे.. खा रहा गरीबों का राशन.. लगा रहा सरकारी खजाने को चूना

बद्री अग्रवाल

कोरबा 13 मार्च। वार्ड क्रमांक 29 के कांग्रेसी पार्षद व एमआईसी सदस्य प्रदीप राय जिसके पास दो पहिया तथा चार पहिया वाहन व समस्त ऐशो आराम उपलब्ध है वह कागजों में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर कर रहा है और गरीबों का हक मारकर उनको मिलने वाले राशन को खुद गबन कर रहा है, यह आरोप भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बद्री अग्रवाल ने लगाया है। कोरबा कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में बद्री अग्रवाल ने बताया कि वार्ड क्रमांक 29 के कांग्रेसी पार्षद प्रदीप राय द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निगम तथा जिले के खाद्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अपनी पत्नी के नाम पर गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनवाया गया है जिसका वर्ष 2019 में नवीनीकरण के पश्चात क्रमांक 223837255221 है।

बद्री अग्रवाल ने आरोप लगाया की पार्षद प्रदीप राय के पास स्वयं का दो पहिया वाहन, चार पहिया वाहन तथा आलीशान पक्का मकान है जिसमें भोग विलास की समस्त वस्तुएं भरी हुई है। ऐसा व्यक्ति गरीबी रेखा के श्रेणी में नहीं आता है। परंतु इसके पश्चात भी पार्षद प्रदीप राय के द्वारा निगम अधिकारियों तथा जिला खाद्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनावाया गया है और उस कार्ड का दुरुपयोग करते हुए शासन की ओर से प्राप्त होने वाले गरीबों के हक के राशन पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि पार्षद के द्वारा कार्ड में अपने परिवार के सदस्यों की संख्या 7 बताई गई है। इस हिसाब से प्रधानमंत्री गरीब खाद्यान्न योजना के तहत प्रतिमाह मिलने वाले प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल का भी अनुचित लाभ लिया गया है जो कि किसी जरूरतमंद के काम आ सकता था। उन्होंने आरोप लगाया की पार्षद प्रदीप राय के द्वारा वर्षों से इस कार्ड का दुरुपयोग करते हुए राज्य तथा केंद्र सरकार को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने कोरबा कलेक्टर से इस प्रकरण पर कठोर कार्यवाही करते हुए फर्जी राशन कार्ड को निरस्त कर शासन को पहुंची आर्थिक क्षति की वसूली पार्षद प्रदीप राय से किए जाने तथा इस धोखाधड़ी में संलिप्त पार्षद समेत निगम तथा खाद्य अधिकारियों पर अपराध दर्ज करने का निवेदन किया है।

बता दें कि वार्ड 29 के पार्षद प्रदीप राय कोरबा विधायक व छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं। यही कारण है कि निगम तथा जिला प्रशासन के अधिकारी पार्षद के कारगुजारियों को जानते बुझते हुए भी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। अब देखना यह होगा की कोरबा कलेक्टर संजीव झा इस प्रकरण में कोई कार्यवाही करते हैं या वह भी आंख मूंद कर हरि भजन जपते हैं।

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