कही-सुनी @ रवि भोई
कही-सुनी ( 12 MARCH-23):
क्या अमरजीत कांग्रेस अध्यक्ष और मरकाम मंत्री बनेंगे ?
चर्चा है कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मोहन मरकाम को मंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की शुक्रवार को हुई मुलाक़ात के बाद इस चर्चा को बल मिलने लगा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाक़ात के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं प्रदेश संगठन में बदलाव की बात कही है। वैसे भी मोहन मरकाम का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरा हो चुका है। कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बदले-बदले सुर के बाद मुख्यमंत्री अमरजीत भगत को कमान देकर सरगुजा में डेमेज कंट्रोल करना चाहते हैं। मोहन मरकाम के अध्यक्ष बनने से पहले संगठन प्रमुख के लिए अमरजीत भगत का नाम चला था। भूपेश कैबिनेट में अभी सरगुजा इलाके से टीएस सिंहदेव, प्रेमसाय सिंह टेकाम और अमरजीत भगत मंत्री हैं, जबकि बस्तर से अकेले कवासी लखमा मंत्री हैं। अमरजीत को हटाकर उनकी जगह मोहन मरकाम को मंत्री बनाए जाने से बस्तर और सरगुजा से दो-दो मंत्री हो जाएंगे। चुनावी वर्ष में अध्यक्ष की पूछ परख ज्यादा रहती है।
भाजपा के टिकटार्थी असमंजस में
छत्तीसगढ़ में इस साल अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग बड़े नेताओं के यहां पहुंचने लगे हैं। कांग्रेस में तो साफ़ लग रहा है कि प्रत्याशी तय करने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ही चलेगी, लेकिन भाजपा में कई क्षत्रप पैदा हो गए हैं। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव तो हैं ही, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश,क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह का भी दरबार है। कहते हैं छत्तीसगढ़ भाजपा में कई नेता और उनके दरबार होने से टिकटार्थी असमंजस में हैं। किसके पास जाएं और किसके पास न जाएं। पार्टी का टिकट बांटने में किसकी चलेगी। इस तरह के सवाल उनके मन में कौंध रहा है। खबर है कि टिकट के दावेदार जागृति मंडल और राम मंदिर का भी चक्कर काट रहे हैं।
साख पर बट्टा लगाते दोस्त
सहज और शालीन होना भी कभी-कभी नुकसानदायक होता है और जब पुराने दोस्त ही साख पर बट्टा लगाने में लग जाएं तो फिर किसी व्यक्ति के लिए ऊंचाई को छूना दुष्कर हो जाता है। ऐसा ही छतीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के साथ हो रहा है। अरुण साव विद्यार्थी परिषद में रहे हैं। कहते हैं विद्यार्थी परिषद के जमाने के ही उनके कुछ दोस्त अरुण साव के साथ प्रदेशअध्यक्ष जैसा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। खासतौर से दुर्ग संभाग के कुछ नेताओं का व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है। सार्वजानिक तौर से नाम लेकर बुलाने या टिप्पणी से अध्यक्ष की साख पर आंच आ रही है। कहते हैं न मुर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा होता है। अब पुराने मित्रों की जुबान पर लगाम लगाने का फैसला अरुण साव को ही करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी से भूपेश बघेल की मुलाक़ात
कहते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को करीब एक घंटे पहले की अग्रिम सूचना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मुलाक़ात के लिए समय दे दिया। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे मुलाक़ात हुई। ख़बरें आ रही है कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से, जनगणना जल्द कराने, जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोल रॉयल्टी, मेट्रो सर्विस सहित कई लंबित मांगों पर चर्चा की। पिछली दफे दोनों नेताओं की मुलाक़ात में मिलेट के मुद्दे पर बात हुई थी। 10 मार्च की मुलाक़ात में होली और फाग गीत का भी जिक्र हुआ। राज्य में अफसरों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ईडी के छापे और पूछताछ के बाद प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्री से भेंट राजनीतिक हलकों में चर्चा का अहम मुद्दा बन गया है। मुलाक़ात को लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
कौन होगा राज्य का अगला पुलिस प्रमुख ?
1989 बैच के आईपीएस और राज्य के पुलिस प्रमुख अशोक जुनेजा इस साल जून में रिटायर होंगे। अभी उनके कार्यकाल को करीब साढ़े तीन महीने बचे हैं, फिर भी नए डीजीपी को लेकर चर्चा का बाजार गर्म होने लगा है। लोग कयास लगाने लगे हैं कि अगला डीजीपी कौन होगा ? अशोक जुनेजा से वरिष्ठ आईपीएस डी एम अवस्थी अप्रैल में रिटायर हो जाएंगे। संजय पिल्लई जुलाई में रिटायर होंगे। याने अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट के एक माह बाद रिटायर होंगे। रवि सिन्हा भारत सरकार में हैं। अशोक जुनेजा और संजय पिल्लई के रिटायरमेंट के बाद 1990 बैच के राजेश मिश्रा राज्य में सबसे वरिष्ठ आईपीएस अफसर होंगे। वे जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। इसके बाद 1992 बैच के आईपीएस पवनदेव और अरुण देव गौतम हैं। अशोक जुनेजा के बाद बनने वाले डीजीपी को विधानसभा चुनाव के साथ नई सरकार के साथ भी काम करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले सरकार डीजीपी की नियुक्ति में वरिष्ठता को नजरअंदाज शायद ही करे। संजय पिल्लई के रिटायरमेंट में एक ही महीने का समय बचेगा, ऐसे में राजेश मिश्रा की किस्मत चमक सकती है।
कांग्रेस के विधायक भी खतरे में
आमतौर पर कांग्रेस अपने सिटिंग एम एल ए की टिकट कम ही काटती है, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ में वर्तमान कई विधायकों की टिकट कटना तय माना जा रहा है। पहली बार के विधायक पर तलवार लटक रही है। कहा जा रहा है कि पहली बार के कई विधायकों की छवि अपने क्षेत्र में ख़राब हो चुकी है। चर्चा है कि पहली बार के ज्यादातर विधायकों की टिकट काटे बिना कांग्रेस का उद्धार नहीं होने वाला है। कांग्रेस के 71 में से दो दर्जन से अधिक विधायक 2018 में पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंचे थे । कुछ विधायकों से कार्यकर्ता नाराज हैं, तो कुछ से जनता नाखुश हैं। रायपुर संभाग के एक विधायक के बारे में चर्चा है कि उन्होंने मंडियों में धान बिक्री के एवज में किसानों से प्रति क्विंटल 200 रुपए लेवी ले लिया।खबर है कि किसानों ने उन्हें 2023 के चुनाव में उतरने पर सबक सिखाने का मन बना लिया है।
नेहा चंपावत केंद्र सरकार में गईं
छत्तीसगढ़ कैडर की 2004 बैच की आईपीएस नेहा चंपावत नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में प्रतिनियुक्ति पर जा रही हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक इकाई है। कहा जा रहा है नेहा चंपावत को डेपुटेशन के लिए एक-दो दिन में रिलीव कर दिया जाएगा। नेहा चंपावत लंबे समय से छुट्टी पर चल रहीं हैं। इनके पति अविनाश चंपावत छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस हैं। वे भी फिलहाल भारत सरकार में डेपुटेशन में हैं। छत्तीसगढ़ ने नेहा चंपावत को मंत्रालय में गृह सचिव के तौर पर पदस्थ किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ की पहली गृह सचिव बनने का सौभाग्य मिला।
संघ प्रचारकों में हेरफेर संभव
खबर है कि पानीपत के समालखा में 12 से 14 मार्च तक आयोजित आर एस एस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद संघ प्रचारकों में कुछ हेरफेर होगा। कुछ नए प्रचारक भाजपा में भेजे जाएंगे और अभी भाजपा में प्रचारक की भूमिका निभा रहे कुछ लोगों को वापस बुलाया जाएगा। इस बैठक में भाजपा की तरफ से बी एल संतोष हिस्सा ले सकते हैं। बैठक में देशभर से संघ के 1400 प्रतिनिधियों के 34 विविध संगठनों के लोग भी शामिल होंगे। इस बैठक में भाग लेने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से 32 लोग गए हैं।
आईएफएस अफसरों का प्रमोशन सत्र के बाद
कहा जा रहा है कि आईएफएस अफसरों को एपीसीसीएफ से पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नत करने के लिए विधानसभा के बजट सत्र के बाद डीपीसी होगी। बताया जाता है कि तपेश कुमार झा,संजय कुमार ओझा और अनिल कुमार राय एपीसीसीएफ से पदोन्नत होकर पीसीसीएफ बन जाएंगे। इन तीनों के पदोन्नत होने के बाद वन विभाग में सात पीसीसीएफ हो जाएंगे। अभी संजय शुक्ला, अतुल शुक्ला, सुधीर अग्रवाल और आशीष कुमार भट्ट हैं। अतुल शुक्ला की पोस्टिंग वन विभाग के मुख्यालय से बाहर है और वे इस साल अगस्त में रिटायर हो जाएंगे। पीसीसीएफ संजय शुक्ला इस साल मई में, वहीँ आशीष कुमार भट्ट जून में रिटायर होंगे। इसके बाद वन विभाग में सुधीर अग्रवाल सबसे वरिष्ठ पीसीसीएफ रहेंगे।
बजट सत्र जल्दी निपटने के आसार
वैसे तो तय कार्यक्रम के अनुसार छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च तक चलना है , लेकिन चर्चा है कि सत्र 20 मार्च तक चलेगा। कहा जा रहा है सदन में शोर-शराबा की स्थिति में बजट फटाफट पारित कर सरकारी कामकाज निपटा लिया जाएगा। होली के अवकाश के बाद विधानसभा का सत्र 13 मार्च से शुरू होगा। होली अवकाश के पहले राज्य का बजट पेश कर दिया गया है। बजट के पहले भी सदन में शोर-शराबा की वजह से विपक्ष की गैर मौजूदगी में कामकाज निपटा दिया गया।
( लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं। )
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