धर्मांतरण रोकने त्वरित कार्यवाही हेतु सौंपा गया ज्ञापन
धर्मांतरण को बताया देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा
अम्बिकापुर। जनजाति गौरव समाज सरगुजा द्वारा सोमवार को कलेक्टर सरगुजा को ज्ञापन सौंपा गया, जिसे विश्व हिन्दु परिषद सरगुजा, धर्म जागरण समन्वय सरगुजा एवं हिन्दूवादी संगठनो ने भी अपना समर्थन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि नारायणपुर में धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा अनुसूचित जनजातिय की श्रेणी में आने वाले नागरिकों पर प्राण घातक हमले किए गए थे। धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा की गई यह कोई पहली हिंसक घटना नहीं थी। इससे पूर्व में भी देश – प्रदेश में ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं। ईसाईयों के द्वारा की जा रही इस तरह की घटनाओं के परिणाम स्वरूप समूचे छत्तीसगढ़ में सामाजिक विद्वेष की स्थिति निर्मित हो चुकी है। धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं ने क्षेत्रीय अस्मिता को भी संकट में डाल दिया है। जिसके कारण अब छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी खतरे में है। ईसाइयों के बढते प्रभाव वाले क्षेत्रों में सामुदायिक सौहार्द्र भी बिगड़ने लगा है और इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे उदाहरण देखे जा रहे हैं कि कैसे धर्मान्तरित समूहों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि ने क्षेत्रीय अशांति, अस्थिरता के साथ-साथ कट्टरपंथ एवं अलगाव की भावना को भी जन्म दिया है। छत्तीसगढ़ में भी अनेक हिस्सों में हुए सामाजिक तनाव की स्थितियों ने इस ओर संकेत दिए है कि प्रदेश में साम्प्रदायिक एवं कट्टरपंथी शक्तियां अपना विस्ताार कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ में मिशनरी समूह द्वारा जिस प्रकार से हिन्दू समाज के लोगों को विभिन्न माध्यमों से धर्मान्तरित किया जा रहा है। इसमें हिन्दू समाज को कमजोर करने का योजनाबद्ध षड्यंत्र है। ईसाई मिशनरियों के द्वारा किए जा रहे इन अनैतिक कृत्यों के कारण प्रदेश में सामाजिक वैमनस्यता का स्तर इतना अधिक हो चुका है कि छोटे-छोटे गांवों में भी साम्प्रदायिक हिंसा की घटना देखी जा रही है। प्रदेश में धर्मान्तरित ईसाईयों के बढ़ते प्रभाव के दुष्परिणाम भी दिखाई दे रहें हैं। छत्तीसगढ़ के उत्तर से लेकर दक्षिण तक सामाजिक तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है। जिसके कारण समाज को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह सभी घटनाएं इस ओर संकेत कर रहीं हैं कि यदि समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो ये घटनाएं केवल छत्तीसगढ़ प्रदेश को ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगी और इसके दुष्परिणाम पूरे देश के लिए घातक होंगे। क्षेत्र में मतांतरण की चल रही तमाम गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
साथ ही धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोरतम कानून बनाया जाए। यह भी कहा गया कि धर्मान्तरण की अवैध गतिविधियों में सम्मिलित लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये ताकि छत्तीसगढ़ प्रदेश को किसी भी संभावित साम्प्रदायिक हिंसा एवं तनाव में जाने से रोक सकें और प्रदेश में शांति एवं स्थिरता बनी रहे।
ज्ञापन सौंपने वालों में बंशीधर उरांव, इन्दर भगत , जगना राम प्रधान, उमेश किस्पोट्टा, सालिम केरकेट्टा, हीरा सिंह टेकाम,
गौरंगों सिंह, राजेश तिवारी, अरविंद मिश्रा, रामसेवक साहू, अशोक अग्रवाल, विनीत गुप्ता ,अनुज सिंह, आदित्य गुप्ता, संजीत गुप्ता, वीरेंद्र ठाकुर, सियाराम गिरी, अभय सिंह, संदीप तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, विकाश शर्मा, सोनू केशरी, जितेंद्र सिंह, दीपक सोनी, अविनाश तिवारी, मनोज यादव, योगेश गुप्ता, चीनी गुप्ता, सिकंदर, आशा जयसवाल, ओमी शर्मा, अमरेंद्र गुप्ता, विजय गोयल, जगेश्वर यादव आदि उपस्थित रहे।