सीएमडी डॉ.प्रेमसागर मिश्रा ने गेवरा खदान का लिया जायजा
कोरबा 20 दिसंबर। 800 करोड़ से एसईसीएल गेवरा खदान में रैपिड लोडिंग सिस्टम व 5 और 6 नंबर की साइलो का निर्माण कराया जा रहा है। फस्र्ट माइल कनेक्टिवटी से दो अन्य मेगा प्रोजेक्ट खदानों में मैकेनाइज्ड कोयला लदान की तैयारी पर काम जारी है। सोमवार को एसईसीएल के सीएमडी डॉ.प्रेमसागर मिश्रा ने गेवरा व कुसमुंडा खदान के निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लिया। तय समय पर काम पूरा कराने कंपनी के अफसरों को निर्देश दिए।
फस्र्ट माइल कनेक्टिविटी से एसईसीएल गेवरा एरिया में करीब 800 करोड़ की लागत से 20 एमटीवाय क्षमतायुक्त रैपिड लोडिंग सिस्टम व 5 और 6 नंबर की 30 एमटीवाय क्षमता का साइलो का निर्माण कराया जा रहा है। इधर कुसमुंडा में सीएचपी फेस.1 व फेस.2 का काम पूरा हो चुका है, यहां सेंट्रल इनिपट कन्वेयर सिस्टम का काम जारी है। इन दोनों ही खदानों में पहुंचे सीएमडी डा.् मिश्रा ने निर्माणाधीन स्थल पर पहुंचकर कार्यों का जायजा लिया। यहां बताना होगा कि नवंबर में सीएमडी डॉ. मिश्रा के दौरे के दौरान गेवरा व कुसमुंडा माइंस के नए फेस पर पहुंचकर कोयला उत्पादन स्थिति का जायजा लिया था। इस बार का उनका दौरान लदान क्षमता को बढ़ाने को लेकर चल रहे कार्यों को समय पर पूरा कराए जाने को लेकर वास्तविक स्थिति को जानने पहुंचे।
जिले में एसईसीएल की संचालित मेगा प्रोजेक्ट तीन खदानों का जिस तरह से विस्तार किया जा रहा है इससे खदानों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। यही वजह है कि परिवहन की चुनौती से निपटने की तैयारी में जुट गई है। मैकेनाइज्ड पद्धति से कोयला लदान होने पर रेल मार्ग से कोयला परिवहन की निर्भरता बढ़ेगी। इको फ्रेंडली तरीके से रेल मार्ग से कोयला परिवहन की निर्भरता बढऩे से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। उत्पादित कोयले की आपूर्ति समय पर हो सकेगी।