जंगल विभाग में जंगल राज: कोरबा वन मण्डल में कदम-कदम पर बिखरे हैं हरे बासों की अवैध कटाई के साक्ष्य

कोरबा 17 अगस्त। जिले के कटघोरा वन मण्डल में हरे बासों की अवैध कटाई की गूंज अभी थमी भी नहीं है, कि कोरबा वन मण्डल में प्रतिबंधित अवधि में हजारों हरे भरे बासों की अवैध कटाई के साक्ष्य कदम -कदम पर बिखरे नजर आने लगे हैं। जंगल विभाग के गलियारे से निकल कर बाहर आ रही खबरें बताती हैं कि विभागीय अमले ने लाखों रूपयों के भ्रष्टाचार की भूमिका तैयार कर ली है।

विभाग के अंदरखाने से छन कर बाहर आ रही खबरों से पता चलता है कि विभागीय अधिकारियों ने वृक्षारोपण और उनकी सुरक्षा के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया है। इस खेल में जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक बंदरबांट की चर्चा सुनने में आ रही है। जानकारी के अनुसार वन मण्डल कोरबा अंतर्गत विभिन्न वन परिक्षेत्रों में और सड़कों के किनारे- किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है। साथ ही इन वृक्षों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाया जा रहा है। वृक्षारोपण में उनकी संख्या और रखरखाव के नाम पर जो ऊपरी कमाई की जाएगी, वह तो अपनी जगह है ही, लेकिन उससे भी बड़ा गोलमाल ट्री गार्ड लगाने में किया जा रहा है। ट्री गार्ड बनाने के लिए बिना कार्य योजना स्वीकृत किये और प्रतिबन्ध की अवधि में हजारों हरे बांस काट दिए गए हैं।

याद रहे कि बारिश के मौसम में हरे बांसों की कटाई प्रतिबन्धित रहती है। इस अवधि में बांस कटाई की ना तो कोई कार्य योजना बनाई जा सकती है और ना ही ऐसी किसी योजना को स्वीकृति दी जा सकती। इसके बाद भी कोरबा वन मण्डल में हजारों हरे बासों की कटाई कर ली गई है। इतना ही नहीं इन बासों का ट्री गार्ड बना कर जगह-जगह लगाया जा चुका है और कई स्थानों पर लगाने की तैयारी कर ली गई है।
आइये, आपको बालको से लेमरू ले चलते हैं। इस मार्ग पर सड़क किनारे सैकड़ों स्थानों पर हरे बांस से बने ट्री गार्ड रखे हुए हैं। ये सभी ट्री गार्ड अभी सूख भी नहीं पाए हैं। यही वजह है कि ये अभी भी अपनी असली रंगत के साथ हरे नजर आ रहे हैं। यह तो जंगल का नजारा है जहां लोगों की आमदरफ्त कम होती है। ऐसा ही नजारा कोरबा- चाम्पा राजमार्ग पर भी देखा जा सकता है। इस मार्ग में बड़ी संख्या में लोग सफर करते हैं। यहां सड़क किनारे वन विभाग ने वृक्षारोपण किया है।और कहना ना होगा कि यहां भी हरे बांस के ट्री गार्ड वन विभाग की करतूत का भंडाफोड़ कर रहे हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इन दिनों बाजार में बड़ी मात्रा में करील बिक रहे हैं। कहना न होगा कि इनका नाजायज रिश्ता भी हरे बासों की कटाई के साथ है।

सूत्रों के अनुसार बड़े स्तर पर कोरबा वन मण्डल में अंजाम दिए जा रहे इस घोटाले की पूरी योजना हर किसी को विस्मित कर देने वाली है। दरअसल वन विभाग को ट्री गार्ड बनाने के लिए पुराने बांस की खरीदी करनी थी और उनसे किसी स्व सहायता समूह, वन प्रबन्धन समिति या बंसोडो से ट्री गार्ड बनवाना था। लेकिन विभागीय अफसरों ने बांस बाड़ी से हरे बांस काट लिए और निजी मजदूरों से मामूली रकम खर्च कर ट्री गार्ड बनवा लिए। अब बांस की ट्री गार्ड की खरीदी बताकर पूरी रकम जो लाखों में होगी, हड़प ली जाएगी। बताया जा रहा है कि वन विभाग ने एक ट्री गार्ड की कीमत 450 रुपये निर्धारित की है। यदि एक ट्री गार्ड बनाने में 50 रुपये भी खर्च होते हैं तो प्रति ट्री गार्ड 400 रुपये विभागीय अमले की अंटी में होगा।

आपको याद दिला दें कि एक सप्ताह पहले हमने वन मण्डल कार्यालय कोरबा के ठीक पीछे पोंडीबहार बांस बाड़ी में बड़ी तादाद में हरे बांसों की कटाई का खुलासा किया था। उस समय कोरबा के वन परिक्षेत्र अधिकारी ने कहा था कि हर्बल गार्डन बनाने के लिए स्थल की सफाई की गई है और वहां के परला की कटाई की गई है। लेकिन समूचे वन मण्डल में स्थान- स्थान पर मिल रहे हरे बांस के ट्री गार्ड हकीकत की चुगली खुद कर रहे हैं। क्योंकि परला बांस की संख्या इतनी हो ही नहीं सकती कि उससे हजारों ट्री गार्ड बना लिए जाएं। यहां यह भी याद रहे कि कोरबा वन मण्डल के कुदमुरा रेंज में सैकड़ों बेशकीमती इमारती लकड़ी के पेड़ों की अवैध कटाई का मामला भी हमने पिछले दिनों उजागर किया था। इस मामले में सी सी एफ बिलासपुर के आदेश पर उड़नदस्ता टीम द्वारा जांच की जा रही है। इम मामले में भी विभागीय अमले की सांठगांठ का संदेह है। बहरहाल शासन के आर्थिक हित में हरे बासों की कटाई की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है।
वर्सन
विभाग ने हरे बांस की कटाई नहीं की है। किसानों की बाड़ी के बांस खरीदे गए हैं। उन्हें भुगतान भी किया गया है। इसके अलावा बीजापुर, खैरागढ और बलौदाबाजार से बांस लेकर ट्री गार्ड बनाये गए हैं। सूखे बांस के ट्री गार्ड
उपयोग किये जा रहे हैं।
गुरुनाथन एन,
डी.एफ .ओ.कोरबा

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