हर बुधवार

आदिपुरुष और कोरबा का घोड़ा चौक

ओम राउत निर्देशित बॉलीबुड की एक फ़िल्म आदिपुरुष का पहला टीज़र – ट्रेलर लांच किया गया है। इस फ़िल्म में राम, हनुमान और रावण की मूल छवि ही बदली हुई नजर आती है। अभिव्यक्ति की आजादी, टीन एजर की पसंद और आधुनिकता की आड़ में यह भारतीय संस्कृति, मान्यताओं और ऐतिहासिक तथ्यों को बदलने का प्रयास कहा जा रहा है। मुसलमान, अंग्रेज और कांग्रेस शासको ने पहले ही भारत के गौरवशाली इतिहास को विकृत करने में कोई कसर बांकी नहीं छोड़ा है। छद्म कथन अब रूढ़ होकर वास्तविक प्रतीत होने लगे हैं।

कोरबा में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। दाद- खाज के एक डॉक्टर भारत के गौरव महाराणा प्रताप के नाम पर स्थापित चौक का नाम विकृत करने पर तुले हुए है। उच्च शिक्षित कहे जाने वाले ये डॉक्टर बुधवारी बाजार में महाराणा प्रताप चौक का नाम विकृत कर घोड़ा चौक के नाम से स्थापित कर रहे हैं। नगर निगम ने यहां महाराणा प्रताप की चेतक (घोड़ा) पर सवार प्रतिमा स्थापित की है और इस चौक का नामकरण महाराणा प्रताप के नाम से किया है। लेकिन दाद-खाज के डॉक्टर इसे घोड़ा चौक बताते हैं। मौखिक के अलावा वे अपने विज्ञापन में भी बाकायदा अपने पते के साथ घोड़ा चौक के पास लिखते हैं। कहना ना होगा कि धीरे धीरे रूढ़ होकर महाराणा प्रताप चौक का नाम घोड़ा चौक के रूप में स्थापित हो जाएगा। दुःखद यह भी है कि महाराणा प्रताप को अपना जातीय गौरव बताने वाले शहर के सूर वीर भी खामोश बैठे हुए हैं और रूढ़ होते नाम को स्थापित करने में जाने अनजाने सहयोग प्रदान कर रहे हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन को भी इस गंभीर मामले की सुध नहीं है। होना तो यह चाहिए कि राष्ट्र गौरव से छेड़छाड़ करने के आरोप में दाद खाज के डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए और इस चौक के नाम महाराणा प्रताप चौक को व्यापक रूप से प्रचारित कर स्थापित किया जाए।

महात्मा गांधी मार्ग की व्यथा-कथा

पवन टाकीज रेलवे क्रासिंग से लेकर सीतामणी तक मुख्य मार्ग का महात्मा गांधी नामकरण किया गया था। लेकिन वर्षों बाद भी यह नाम लोगों की जुबान पर नहीं चढ़ सका है। इसके स्थान पर लोग मुख्य मार्ग, स्टेशन रोड या फिर कोई मोदी मार्ग कहता है। कुछ लोग तो अपना पता ही मोदी मार्ग बताने लिखने लगे थे। बहरहाल, अब महात्मा गांधी मार्ग निवासी युवा और तेज तर्रार अधिवक्ता धनेश्वर सिंह ने कलेक्टर का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया है और उन्हें ज्ञापन सौंपकर इस मार्ग के नाम का व्यापक प्रचार प्रसार कराने की मांग की है, ताकि इस मार्ग का वास्तविक नाम बोलचाल में शामिल हो सके। इस ज्ञापन पर कलेक्टर संजीव झा कितनी संजीदगी दिखाते हैं यह आने वाला समय बताएगा।

गम और गुस्से में पूर्व विधायक

कोरबा जिले के एक पूर्व कांग्रेस विधायक इन दिनों गम और गुस्से में डूबे हुए हैं। ऐसा होना स्वाभाविक भी है। अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। वे एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। लेकिन क्षेत्र की सांसद अभी से उनकी टिकट काट रही हैं। दरअसल, सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों पूर्व विधायक अपने सांसद के साथ क्षेत्र के दौरे पर थे। सांसद के साथ पार्टी के एक अन्य आदिवासी नेता भी थे, जो पूर्व विधायक के क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। सांसद ने पूर्व विधायक के सामने ही आदिवासी नेता से कह दिया कि पार्टी के अगले प्रत्याशी तो आप ही हैं। पूर्व कांग्रेस विधायक जिले में सांसद पति यानी विधानसभा अध्यक्ष के कट्टर समर्थक हैं। उन्हें सांसद का कथन नागवार गुजरा। उन्होंने इस बात की शिकायत अपने नेता से की, लेकिन सांसद पति ने तवज्जो नहीं दी। अब पूर्व विधायक गम और गुस्से में हैं। भावी चुनाव में उनका यह गम और गुस्सा बड़ा गुल खिला सकता है।

मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल, सम्पर्क- 098271 96048

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