उखाड़े जाएंगे रास्ते पर लगाए जाने वाले पंडाल व स्वागत द्वार

कोरबा 19 सितम्बर। सार्वजनिक आयोजनों के कारण रास्तों पर होने वाली समस्या और आम लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक बार फिर हरकत में आया है। एनजीटी की भोपाल बेंच ने एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आयोजनों के दौरान व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार रास्तों पर ना तो पंडाल लगाए जा सकेंगे और ना ही स्वागत द्वार। छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा इस बारे में कलेक्टर, एसपी और नगरीय निकायों के प्रमुख को सर्कुलर जारी करने के साथ आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

नई गाइडलाइन के अनुसार किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजक जन सामान्य को परेशान नहीं कर सकते। किसी भी कीमत पर ना तो किसी तरह के पंडाल मुख्य मार्ग या आंतरिक मार्ग पर लगाए जा सकते हैं। स्वागत द्वार के मामले में भी यही निर्देश है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कहीं भी आम रास्तों को बाधित करने वाले पूजा पंडाल और स्वागत द्वार लगे दिखाई दे तो उन्हें तत्काल उखाडऩे का काम किया जाए और इसकी सूचना भी दी जाए। ज्यादा शोर करने पर जप्त किये जाएंगे डीजे आयोजनों में तेज आवाज में बजने वाले डीजे और इसकी वजह से परेशान होने वाले लोगों के हित में कहा गया है कि निर्धारित मानक में ही डीजे का उपयोग हो सकता है अन्य सदी में शिकायत मिलने पर आसपास के परिसर के बिजली काटी जाए और जप करने की कार्रवाई की जाए। रात्रि 10.00 बजे से सुबह 6.00 बजे तक किसी भी समय पर इस तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों या साधनों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखना है। एनजीटी के द्वारा प्रदेश सरकार को गाइडलाइन से अवगत कराने के साथ इसके अनुसार अगली कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

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