मुखिया ने मांगी बच्चों सहित इच्छा मृत्यु
कोरबा 9 सितंबर। एसईसीएल के असहयोगात्मक रवैए के कारण एक परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है और इसके मुखिया ने बच्चों सहित इच्छामृत्यु की मांग की है। कटघोरा तहसील के ग्राम विजय नगर कोसमंदा के निवासी बंशीदास पिता स्व. शक्तिदास महंत ने कलेक्टर जनचौपाल में उपस्थित होकर 6 सितंबर को इच्छामृत्यु हेतु आवेदन पत्र दिया है।
पिता शक्तिदास पिता मोहरदास को ग्राम कोसमंदा में खसरा नं.438/1 क/1 रकबा 3 एकड़/1.214 हेक्टेयर भूमि का पट्टा मध्यप्रदेश शासन काल में शासन द्वारा दिया गया था। इसका लगान भी दिया जाता रहा और भू-स्वामी अधिकार प्रदान किया गया। वर्ष 1975-76 से 1986 के मध्य भूमि का अर्जन में यह जमीन भी अधिग्रहित की गई। एसईसीएल के कुसमुण्डा-गजराजों ने-गेवरा परियोजना के सब एरिया मैनेजर को नायब तहसीलदार न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया कि उक्त व्यक्ति यदि भूविस्थापित है तो उसके एवज में भूमि का मुआवजा तथा अन्य लाभ उसे प्रदाय किया जाए। प्रबंधन द्वारा खसरा नं. 438/1 क /1 रकबा 3 एकड़ भूमि को छोड़कर बाकी सभी का मुआवजा, रोजगार, बसाहट व अन्य लाभ दिया जा चुका है।
बंशीदास ने बताया कि उसके आवेदन पर एसईसीएल प्रबंधन को वर्ष 1986 से अगस्त 2022 के मध्य 5 बार आदेशित किया जा चुका है लेकिन न्यायालय के आदेशों को शून्य घोषित करते हुए व तथ्यों को छिपाकर शासन को गुमराह करते हुए भ्रामक पत्राचार कर सुविधाओं से वंचित रखा गया है। 3 एकड़ भूमि लेने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिलने तथा एसईसीएल के रवैए से मानसिक प्रताडऩा व शासन-प्रशासन के असहयोगात्मक रवैया के कारण बंशीदास के पिता- मां और पत्नी की असामयिक मृत्यु हो गई। बंशीदास स्वयं 80 प्रतिशत विकलांग हो चुका है, उसके पास आय का कोई साधन नहीं है। एक पुत्र और 5 पुत्रियों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है। 1 पुत्री बहुत गंभीर बीमारी से ग्रसित है जिसका ईलाज वह नहीं करा सकता। भूखों मरने की नौबत से परेशान बंशीदास ने तमाम कष्टों से मुक्ति के लिए इच्छामृत्यु का आग्रह कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी से किया है। यह भी कहा है कि शीघ्र कोई कार्यवाही न होने पर मौन स्वीकृति/मानते हुए पूरा परिवार आत्मदाह कर लेगा। इसके लिए शासन-प्रशासन एवं एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के वर्तमान अधिकारी जिम्मेदार होंगे।