राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को जिला प्रशासन ने एक बार फिर दिया जोर का झटका….?

कोरबा 15 जुलाई। जिला प्रशासन कोरबा ने प्रदेश के राजस्व मंत्री और जिला मुख्यालय कोरबा के दबंग विधायक जयसिंह अग्रवाल को एक बार फिर जोर का झटका दिया है। मंत्री के निर्देश पर पहले तो बैठक समीक्षा आयोजन की सूचना जारी की गई, फिर बैठक को निरस्त कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार राजस्व मंत्री के ओ एस डी अजय उरांव ने 13 जुलाई 2022 को कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर राजस्व मंत्री की समीक्षा बैठक आयोजित करने के लिए कहा था। पत्र के साथ बैठक का एजेंडा भी दिया गया था। यहां देखें पत्र-

राजस्व मंत्री के कार्यालय से मिले पत्र के आधार पर अपर कलेक्टर ने 14 जुलाई 2022 को पत्र जारी कर सभी सम्बन्धितों को समीक्षा बैठक की तैयारी करने का निर्देश दिया था। साथ ही 15 जुलाई को अपरान्ह 4 बजे बैठक में उपस्थित होने के लिए कहा था। यहां देखें निर्देश-

लेकिन इसी दिन 14 जुलाई को ही जिला प्रशासन ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की समीक्षा बैठक को निरस्त करने की सूचना जारी कर दी। इस पत्र में लिखा गया है कि बैठक के लिए जारी पत्र को निरस्त किया जाता है। अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से जारी पत्र में बैठक निरस्त करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। यहां देखें पत्र-

इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद एक बार फिर आशंका पैदा हो गई है कि कहीं जिले के नवपदस्थ कलेक्टर भी पूर्व कलेक्टर की तरह राजस्व मंत्री को हाशिये में तो नहीं डाल रहे हैं? पूर्व कलेक्टर रानू साहू ने मंत्री को जोर का झटका दिया था और मंत्री ने सार्वजनिक रूप से उन्हें भ्रस्ट कर दे दिया था। तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महन्त ने भी जिले में पर्यावरण प्रदूषण के साथ प्रशासनिक प्रदूषण व्याप्त होने की बात कहकर परोक्ष रूप से मंत्री की हौसला अफजाई की थी।

बहरहाल इस घटनाक्रम के पीछे सच्चाई जो हो, लेकिन लोगों में चर्चा है कि जिला प्रशासन ने राजस्व मंत्री को एक बार फिर जोर का झटका दे दिया है। वैसे कोरबा में प्रभार लेने के बाद नवपदस्थ कलेक्टर, मंत्री को उनके बंगले में जाकर गुलदस्ता भेंट कर चुके हैं। तब लग रहा था कि वर्षों बाद कोरबा विधायक और राजस्व मंत्री का जिला प्रशासन से बेहतर तालमेल बैठ जाएगा, लेकिन ताजा घटनाक्रम ने दोबारा से नगर के लोगों को आशंकित कर दिया है।

( संबंधित पत्र, हमें हमारे सूत्रों ने उपलब्ध कराया है। हम इन पत्रों की वास्तविकता को लेकर कोई दावा नहीं कर रहे हैं।)

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