बिजली कर्मियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा बीमा योजना लागू हो

कोरबा 13 जून। विद्युत कंपनी में कार्यरत नियमित व सेवानिवृत कर्मियों को सामूहिक निश्शुल्क चिकित्सा बीमा योजना लागू करने पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा विचार कर लागू करने कहा है। ताकि कर्मियों को इसका फायदा मिल सके।

विद्युत कंपनी में कार्यरत नियमित व सेवानिवृत कर्मियों को नि:शुल्क चिकित्सा बीमा कैशलेश योजना लागू करने की मांग सभी श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों द्वारा लगातार की जा रही है और इस संबंध कई बार पत्राचार भी किया, पर प्रत्येक बार प्रबंधन ने चर्चा कर केवल आश्वासन का झुनझुना थमा दिया। प्रबंधन का कहना था कि बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। दुर्भाग्य से अभी तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इससे नियमित व सेवानिवृत्त कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन वन के महामंत्री आरसी चेट्टी ने बताया कि कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए प्रबंधन का कहना था कि इसके लिए राशि की व्यवस्था कहां से होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत शुल्क निर्धारण के लिए कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सेवानिवृत पेंशनर संघ एवं सभी संगठन द्वारा सामूहिक नि:शुल्क चिकित्सा बीमा योजना लागू किए जाने के लिए लिखित व चर्चा के माध्यम से योजना को आयोग के समक्ष विस्तार से रखा गया। इस संबंध में गुण, दोष के आधार पर सुनवाई पश्चात आयोग द्वारा अभिमत समेत आदेश पारित किया गया। इसमें आयोग ने कहा कि इस योजना को नियमत व सेवानिवृत कर्मियों के लिए लागू किया जा सकता है और कर्मियों को इसका फायदा भी मिलेगा। आयोग द्वारा पारित आदेश से स्पष्ट है कि सभी संगठनों द्वारा सामूहिक नि:शुल्क चिकित्सा बीमा योजना कर्मचारियों व पेंशनरों को लागू किए जाने की मांग प्रमाणिक व आवश्यक है। इसके लागू किए जाने से सभी कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा व कार्यक्षमता पर सकारात्मक प्रभाव होगा। आयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया है कि उपरोक्त योजना पर होने वाला व्यय स्थापना मद में स्वीकार योग्य होगा। इससे विद्युत कंपनी को किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ेगा। महामंत्री चेट्टी ने इस संबंध में विद्युत कंपनी के अध्यक्ष को पत्र लिख कर संबंधित कर्मचारियों के लिए सामूहिक नि:शुल्क चिकित्सा बीमा योजना लागू करने अधिकारियों से निर्देशित किया जाए। ताकि जल्द आदेश प्रसारित कर कर्मियों को इसका लाभ दिलाया जा सके।

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