30 हाथियों का दल कुदमुरा रेंज में पहुंचे

कोरबा 8 जून। सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते। हाथियों के मामले में भी कुछ बात ऐसी ही है। कोरबा और कटघोरा वनमंडल में उनकी वापसी हो रही है। इसी के साथ उत्पात भी हो रहा है। इन कारणों से खासतौर पर वे लोग परेशान हैं जो हाथियों के मानचित्र वाले इलाके से वास्ता रखते हैं।   

वनांचल इलाका हाथियों की चिंघाड़ से थर्राया हुआ है। कटघोरा और कोरबा दोनो वनमण्डल क्षेत्र में हाथियों को चहलकदमी तेज हो गई है। धरमजयगढ़ के रास्ते तान नदी को पार कर करीब 30 हाथियों का दल कुदमुरा रेंज में दाखिल हो गया है। जिससे इलाके की ग्रामीण आबादी ख़ौफ़  में है। पता चला है कि कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज में एक बार फिर गजराजों की उपस्थिति सुनिश्चित हुई हैं। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में करीब 30 हाथी नजर आ रहे है जिनमें बेबी इलेफेंट भी है। भोजन की तलाश में हाथी मैदानी क्षेत्र में पहुंचे हुए है। हाथियों का दल धरमजयगढ़ से होते हुए कोरबा के कुदमुरा रेंज में दाखिल हुआ है। बासीन के जंगल में हाथियों के दल ने डेरा जमाया है। कोई अनहोनी न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए वन विभाग हाथियों की चहलकदमी पर नजर जमाए हुए हैं साथ ही आसपास के ईलाकों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा जा रहा है।   

वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी और अमले ने इस इलाके में लगाए गए मॉनिटरिंग सिस्टम को बेहतर रूप से काम करने की जानकारी दी है और दावा किया है कि हाथियों की हर गतिविधियों पर नजर है। यह बात अलग है कि कुदमुरा क्षेत्र में हाथियों की दखल होने पर आसपास के लोगों ने ही सावधानी बरतते हुए उसका विडियो तैयार किया और सोशल मीडिया पर वायरल किया। इसके जरिए लोगों को जागरूक होने का मौका मिला। काफी समय से लोग इस मामले में अपनी भूमिका निभाते आ रहे हैं।

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