समान काम, समान वेतन व श्रम कानून वापसी की मांग को लेकर करेंगे दो दिवसीय आंदोलन

कोरबा 23 मार्च। ठेका श्रमिकों व संविदा कर्मियों को नियमित करने, समान काम के लिए सभी को समान वेतन व श्रम कानून वापस समेत विभिन्न मांगो को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल की तैयारी श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने शुरू कर दी। आगामी 28 व 29 मार्च को कोयला उद्योत समेत सभी उपक्रमों में दो दिवसीय हड़ताल की जाएगी। एसईसीएल में हड़ताल सफल बनाने चार श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से बैठक कर रूपरेखा तैयार की।   

केंद्रीय मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन व स्वतंत्र क्षेत्रीय अखिल भारतीय संघ के संयुक्त मंच द्वारा बैठक कर 23 व 24 फरवरी को दिवसीय हडताल करने की योजना बना तैयारी भी शुरू कर दी गई थी और राज्य व जिला स्तर पर बैठकों का दौर शुरू हो गया था। इस बीच कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से केंद्रीय ट्रेड यूनियन के केंद्रीय पदाधिकारी हड़ताल की सफलता को लेकर चिंतित हो उठे। इसलिए केंद्रीय पदाधिकारियों ने वर्चुअल बैठक कर फरवरी माह में हड़ताल को स्थगित कर आगामी 28 व 29 मार्च को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए अब श्रमिक संघ पदाधिकारी जुट गए हैं। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल में हड़ताल का व्यापक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। मंगलवार को श्रमिक संघ एचएमएस, एटक, सीटू, एसईकेएमसी की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस दौरान हड़ताल को सफल बनाने प्रत्येक क्षेत्र बैठक लेने के साथ ही गेट मीटिंग कर मजदूरों को हड़ताल में शामिल होने के लिए जागरूक किया जाएगा। एचएमएस के केंद्रीय अध्यक्ष नाथूलाल पांडेय ने बताया कि बताया कि संक्रमण की वजह से फरवरी माह में हड़ताल स्थगित की गई थीए पर अब पूरी तैयारी के साथ सभी यूनियन हड़ताल करगी। उन्होंने कहा कि श्रम संहिताओं को समाप्त करनेए किसी भी स्थिति में उपक्रमों का निजीकरण नहीं करने और एनएमपी को रद्द करना, गैर.आयकर भुगतान करने वाले परिवारों को प्रति माह 7500 रुपये की खाद्य और आय सहायता देने, मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार, सभी क्षेत्र में कार्यरत कामगारों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, आंगनवाड़ी, आशा, मध्यान्ह भोजन और अन्य योजना कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा समेत अन्य मांग रखी गई है। एसईकेएमसी के केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह हड़ताल में जाने मजबूर होना पड़ रहा है। कोल इंडिया अस्तित्व खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। कई खदान बंद करने या उन्हें घाटे की बताते हुए निजी कंपनी को सौंपने की साजिश रची जा रही है। प्रस्तावित हड़ताल को व्यापक रूप से सफल बनाने सभी क्षेत्र में बैठक व गेट मीटिंग लेकर मजदूरों को जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर एटक के हरिद्वार सिंह, दीपेश मिश्रा, अजय विश्वकर्मा, इंटक के बीएन शुक्ला, एसईकेएमसी सत्यपाल, संदीप चौधरी, एचएमएस के रेशमलाल यादव, एससी मंसूरीए सीटू से देवेंद्र निराला समेत सभी क्षेत्र के अध्यक्ष, महासचिव व अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जनाराम व आभार प्रदर्शन दीपक उपाध्याय ने किया। इस हड़ताल से भारतीय मजदूर संघ बीएमएस ने किनारा कर लिया है।   

केंद्रीय मान्यता प्राप्त श्रमिक संघ के आव्हान पर प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल में न केवल कोल इंडिया के प्रतिनिधि शामिल होंगे, बल्कि बैंक, एलआईसी, सेल, बाल्को समेत अन्य उपक्रम व राज्य शासन के उद्योग भी शामिल होंगे। सभी क्षेत्र के प्रतिनिधि अपने स्तर पर हड़ताल को सफल बनाने जुट गए हैं। बाल्को में भी स्थानीय कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय पदाधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय पर चर्चा की गई। साथ ही आगामी रूपरेखा तैयार की गई। इस दौरान स्थानीय समस्याओं पर भी चर्चा कर शामिल करने का निर्णय लिया गया।

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