मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल

हर बुधवार

कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना…!

अपनी कोरबा कलेक्टर रानू साहू सहसा ही सुर्खियों में आ गई है। वजह है कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री का बयान। मंत्री ने हरदी बाजार तरदा सड़क निर्माण कार्य के लिए अधिग्रहित भूमि के टुकड़ों टुकड़ों में रजिस्ट्री का उल्लेख किये बिना ईमली छापर तरदा सड़क का कार्य बंद कर विकास में बाधक बनने का आरोप तो लगाया ही, साथ ही कलेक्टर को भ्रष्ट भी करार दिया है। इसकी कोरबा में सरगर्म चर्चा शुरू हो गई है। लोग तरह तरह के अर्थ निकाल रहे हैं। इसी में कहा जा रहा है कि कलेक्टर रानू साहू तो बहाना है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असल निशाना है। बैठे बिठाये विपक्षी दल भाजपा को भी मुद्दा मिल गया। भाजपा प्रदेश सरकार पर पहले से भ्रष्टाचार करने और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है। अब उसके आरोप पर भूपेश सरकार के मंत्री ने मुहर लगा दी है। इसी को कहते हैं- कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना…!

नाम छुपाने के पीछे रहस्य क्या है?

नगर पालिक निगम कोरबा शहर में स्वच्छता महा अभियान चला रहा है। अभियान की रीढ़ की हड्डी हैं ठेकेदार। तेज तर्रार निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय अभियान की खुद ही मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे लगातार क्षेत्र का भ्रमण करते हैं। लेकिन, ठेकेदार तो ठेकेदार होता है। वर्षों से दसों उंगली घी में और सिर कड़ाही में डुबाए बैठे ठेकेदार अब आयुक्त के बदलने से खुद बदल जाये ये तो संभव नहीं है। आयुक्त को ही उनमें परिवर्तन लाना होगा। निरीक्षण के दौरान आयुक्त को सच्चाई से रूबरू होने का मैक्स मिल रहा है। अब नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने शहर की स्वच्छता व साफ-सफाई कार्यो में उदासीनता दिखाने वाली सफाई कार्य एजेंसियों के प्रति कड़ा रूख अख्तियार करते हुए उन पर 20 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया है। साथ ही उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी है कि स्वच्छता कार्यो में कतई लापरवाही न बरते तथा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप सफाई कार्य कराएं अन्यथा जवाबदारी सुनिश्चित कर संबंधित पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। नगर निगम ने आयुक्त की सख्ती की जानकारी तो सार्वजनिक की है, लेकिन ठेकेदारों के नाम को गोपनीय रखा गया है। पहले भी किसी ठेकेदार का नाम छुपा लिया जाता था, तो किसी का नाम उजागर कर दिया जाता था। नाम छुपाने या प्रचारित करने के पीछे क्या कोई बड़ा रहस्य है?

विशाल, आकाश, प्रह्लाद का जोर

कोरबा जिले में कोयला चोरों के खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई ने एस ई सी एल प्रबन्धन की पोल खोल दी है। खदानों और कम्पनी के संसाधनों की सुरक्षा पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी प्रतिमाह करोड़ों रुपयों की कोयला और डीजल की चोरी हो रही है। दीपका, गेवरा, कुसमुंडा और कोरबा एरिया के अधिकारी कम्पनी को हो रहे नुकसान के प्रति कितने सजग हैं? इसका अनुमान रोज की घटनाओं से लगाया जा सकता है। असली नकली उत्पादन बताकर यहां के अधिकारी अपना नम्बर बढ़ाने में लगे रहते हैं। इन दिनों साहबों का नम्बर बढ़ाने में कोरबा पश्चिम में विशाल, आकाश और प्रह्लाद का विशेष योगदान चर्चा में है। हाल ही में एस ई सी एल में नए सी एम डी पदस्थ हुए हैं। देखना है नए साहब कम्पनी का कुछ भला कर पाते हैं भी या नहीं? अभी तक तो कम्पनी के मुखिया भी नम्बर बढ़ाने के खेल में शामिल प्रतीत होते रहे हैं!

मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल, सम्पर्क- 098271 96048

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