दीपका गोली कांड का खुलासाः-50 हजार लूटने घर में घुसकर दोस्त की पत्नी पर चलाई थी गोली

कोरबा 30 जनवरी। दोस्त को घर में 50 हजार नगद रखा होने की जानकारी देना भारी पड़ गया। दगाबाज दोस्त ने अपने एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर उसके घर में घुसा और न केवल 50 हजार लूट लिए, बल्कि दोस्त की पत्नी को गोली मार कर घायल दिया। मामले में जांच के उपरांत पुलिस ने दो आरोपित को गिरफ्तार किया।

घटना दीपका थाना अंतर्गत ग्राम झाबर में 31 दिसंबर की रात 10.30 घटित हुई थी। यहां निवासरत सरोजनी बाई 25 वर्ष के घर में घुसकर दो अज्ञात युवक सिर में गोलीमार कर घर में रख्रे 50 हजार रूपये की लूट कर भाग गये थे। घटना को लेकर ग्राम में दहशत फैल गया और पुलिस के लिए भी मामला चुनौती पूर्ण बन गया। शिकायत पर दीपका पुलिस ने धारा 307, 34 व 25,27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया। पुलिस ने टीम ने सभी बिंदुओं पर बारिकी से जांच पड़ताल की और सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच पुलिस सरोजनी के पति सन्नी से घटना के संबंध में विस्तृत चर्चा की। तब सन्नी ने बताया कि घटना दिनांक के दिन में वह अपने ट्रैक्टर का लोन जमा करने के लिए गुल्लक को तोड़ कर 50 हजार निकाला था और आलमारी में रखा था। इसकी जानकारी बातचीत के दौरान उसने अपने दोस्त जावेद अहमद 33 साल निवासी बस स्टैंड नोनबिर्रा थाना करतला को दिया था, जब वह घटना दिनांक को सन्नी से मिलने दीपका भी आया था। पुलिस के लिए इतना सुराग काफी था। पुलिस ने जावेद को हिरासत में लेकर पूछताछ किया, तब उसने अपने दोस्त धरम सिह राजपूत 35 साल निवासी पंखादफाई सुराकछार के साथ अपराध कबूलना स्वीकार किया। इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया और उनके पास से कुल 14 हजार नगद बरामद किया।

पूछताछ के दौरान जावेद ने बताया कि सन्नी के घर में 50 हजार होने की जानकारी मिलते ही उसकी नीयत बिगड़ गई और उसने इसकी जानकारी अपने दोस्त धरम सिंह राजपूत को जाकर दी। इसके बाद दोनों ने मिल कर लूट की योजना तैयार की। रात को करीबन 9ः30 बजे के आसपास दोनों पिस्टल लेकर सनी के घर के पास इंतजार करने लगे। जैसे ही सनी घर से बाहर गया मौका देख कर दोनों उसके घर में घुस गये और सरोजनी बाई को गोली मारकर आलमारी में रखे 50 हजार रूपये को लूट कर भाग गये। उसने बताया कि घटना के बाद भागते वक्त सन्नी के पडोसी कोंदा से टकरा गए, इससे उसने दोनों आरोपितों का पहचान लिया था।

आरोपी जावेद ने बताया कि धरम सिंह अपने साथ पिस्टल लेकर आया था। उनकी मंशा गोली मारने की नहीं थी, पर नशे में गोली चल गई। घटना के बाद मामले का आरोपित धरम सिंह राजपूत पकडाने के डर व पुलिस के बढते दबाव के कारण पिस्टल को बलगी नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने ढूंढने का प्रयास किया पर पिस्टल नहीं मिला। वहीं आरोपित जावेद अहमद ने घटना के पहले से दूसरे दिन 11 बजे तक अपना मोबाइल को बंद करके रखा हुआ था।

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