राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ऑनलाईन विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन

कोरबा 25 जनवरी। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर माननीय श्री बी.पी. वर्मा, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय जी के मार्गदर्शन पर बालिकाओं के अधिकारों के संबंध में ऑनलाईन एवं आफलाईन विशेष विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला एवं तालुक स्तर पर किया गया। उक्त गुगल मीट के माध्यम से ज्योति भूषण प्रताप सिंह, विधि महाविद्यालय कोरबा के छात्राओं के मध्य किए गए ऑन लाईन शिविर के माध्यम से श्रीमति शीतल निकुंज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि बालिकाएं देश का सम्मान होती हैं आज महिलाएं देश के अति महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं है भारतीय संविधान ने बालिकाओं को सम्मानीय जीवन यापन करने हेतु शिक्षा, सम्पत्ति, समान कार्य समान वेतन जैसे कई क्षेत्रों में विभिन्न अधिकार प्रदान किए है। बालिकाएं अगर शुरू से ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें तो युवावस्था में होने वाले भटकाव जो अंधकार भरे जीवन की ओर ले जाती है उनसे बचा जा सकता है तथा ये माता-पिता, बडों का कर्तव्य है कि बालिकाओं को बचपन से ही उन्हें गुड टच बैड टच के बारे में बताएं तथा ऐसी स्थिति आने पर विरोध किया जाना आवश्यक है।

सचिव महोदया ने आगे विधि छात्राओं को टोनही प्रताडना अधिनियम 2005, महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम 2005, निःशुल्क सहायता टॉल फ्री नंबर 15100 की जानकारी जैसे अति महत्वपूर्ण अधिनियमों की जानकारी से अवगत कराते हुए अपने उद्बोधन में बताया की महिलाओं/बालिकाओं को किसी भी तरह की हिंसा या संविधान प्रदत्त अधिकारों के हनन होने की स्थिति में वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका विधिक सेवा समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। विधिक सेवा प्राधिकरण उन्हें आवश्यकतानुसार निःशुल्क विधिक सेवा उपलब्ध करायेगी। तहसील विधिक सेवा समितियों कटघोरा, करतला एवं पाली के द्वारा भी इस अवसर जिला प्रशासन के द्वारा जारी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

Spread the word