छत्तीसगढ़ साहित्य अबकी राखी में भैया मुझको देना ये उपहार कल्पना कौशिक Gendlal Shukla July 26, 2020 अबकी राखी में भैया मुझको देना ये उपहारकुछ नई यादें बचपन सी और थोड़ा सा प्यारजब जी चाहे आ सकूं तेरे घर देना यह अधिकारमैं ना आ पाऊं तो स्नेह लिए तुम आना मेरे द्वारगर रुठ जाऊं तो कर लेना तुम थोड़ी सी मनुहारजीते जी कभी खत्म न हो इस रिश्ते का प्यारमनाते रहें सदा साथ हम ये पावन त्योहारअबकी राखी में भैया मुझको देना ये उपहार~~~~~चलो लगाएं पीपल बरगदवो अतीत की यादें, अतीत की बातेंकितनी अच्छी लगती हैंअपने गांव की, पीपल के छांव की बातेंकितनी अच्छी लगती हैंपर वर्तमान में रहकरहम क्यों अतीत पर आहें भरेंक्यों न अपने वर्तमान कोफिर अतीत की तरह करेंचलो लगाएं पीपल बरगदअमरइया सजाएंबांध के उनमें झूला झूलेंनीचे बैठ गपियाएंजंगल नहीं कांक्रीटों केहरियाली की दीवार उगाएंफल-फूल पेड़ों से मिलते हैंयह हम भूल न जाएंवृक्ष लाएंगे बदलीऔर बदली बरखा लाएगीहरी-भरी होगी धरती फिरखुश होकर मुस्काएगीफिर कूके कुंजों में कोयलआंगन में गौरैया गाएचलो हम अपने गांव-शहर कोपहले सा हरा-भरा बनाएं~~~कल्पना कौशिकद्वारा श्री तुकाराम कौशिकग्राम+पो- सरगांवजिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़)+91 74155 49391 Spread the word Post Navigation Previous पवन नेताम ‘श्रीबासु’ की गज़लNext सिंघाली में भूमिगत खदान का ऊपरी हिस्सा धंसा। जनमानस में दहशत। Related Articles अपराध कानून कोरबा छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग की कार्रवाईः चढ़ी भट्ठी सहित विभिन्न जरिकेनो मंे कुल 51 हाथ भट्ठी निर्मित महुआ शराब बरामद Gendlal Shukla December 26, 2024 आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ राजकाज उपभोक्ताओं को दी गई अधिकारों की जानकारी Gendlal Shukla December 26, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ प्रेरणा संगठन सुरक्षा प्री-पेड बूथ से ऑटो लेना सुरक्षित और किफायती: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन Gendlal Shukla December 26, 2024