नौकरी, मुआवजा को लेकर कुसमुंडा कार्यालय के सामने दीपावली पर दीप जलाकर किया प्रदर्शन
कोरबा 7 नवम्बर। नौकरी, मुआवजा समेत अन्य मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय समक्ष भू-विस्थापितों का धरना जारी है। दीपावली के अवसर पर भू-विस्थापितों ने महाप्रबंधक कार्यालय दीप प्रज्ज्वलित कर विरोधी प्रदर्शन कर त्यौहार मनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अपनी जमीन देकर देश को रोशन करने का काम किया, जिले को उर्जाधानी के रुप में पहचान दिलाई, वही परिवार रोजगार के लिए भटक रहा है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्घ्डस लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना के भू-विस्थापितों द्वारा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने सन 1978-2004 के बीच अधिग्रहित भूमि के एवज में लंबित रोजगार की मांग को लेकर लगातार धरना दिया जा रहा है। एसईसीएल उन्हें वर्ष 2012 की पुनर्वास नीति के आधार पर रोजगार देने का आश्वासन दिया है, पर आंदोलनकारी भू-विस्थापितों का कहना है कि यह अन्याय है, क्योंकि इस नीति के तहत न किसी का पुनर्वास होगा, न रोजगार मिलेगा। उनके मामले में उस समय की पुनर्वास नीति लागू होनी चाहिए, जब उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी। एसईसीएल प्रबंधन ने समस्या को सुलझाने के लिए एक माह का समय मांगा है। किसान अपनी मांग को लेकर रोजगार एकता संघ के बेनर तले आंदोलन कर रहे हैं। दीपावली के अवसर पर मुख्यालय गेट पर दीप जलाकर शोषण के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया। इस दौरान दीपक साहू, जवाहर सिंह कंवर, राधेश्याम, गणेश प्रभु, हेमलाल, दामोदर, रेशम, मोहनलाल, दीना नाथ, बलराम, जय कौशिक, प्रशांत झा, पुरषोत्तम, अनिल कुमार, बजरंग सोनी, अजय प्रकाश, सोहरिक,रामप्रसाद, अश्वनी, हरिशंकर, चंद्रशेखर, हरिहर, रघु पुनीत, लखन, सनत समेत काफी संख्या में भू-विस्थापित किसान, माकपा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।