सरसों, अलसी की उतेरा फसलों को मिलेगा बढ़ावा, गांव वार किसानों का होगा चिन्हांकन

रूरल इंडस्ट्रीज के रूप में विकसित होंगे गौठान, आजीविका संवर्धन के काम से ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

कोरबा 26 अक्टूबर। खरीफ फसलों की कटाई के बाद लिए जाने वाले ऊतेरा फसलों के लिए जिले में सरसों, अलसी और तिंवरा के फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। ऊतेरा फसल लेने वाले किसानों का चिन्हांकन कर गांव वार सूची बनाई जाएगी। किसानों को ऊतेरा फसल लेने के लिए सरसों आदि बीजों का निःशुल्क वितरण भी किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर एक सप्ताह के भीतर ऊतेरा फसल के लिए कार्ययोजना बनाने और बीज वितरण के लिए हितग्राही चिन्हांकन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर श्रीमती साहू ने सभी जनपद पंचायत के सीईओ और उप संचालक कृषि को ऊतेरा फसल लेने के लिए तैयार किसानों और रकबों की जानकारी निर्धारित समय में देने के भी निर्देश दिए। ऊतेरा फसल के दौरान खुले में चरने वाले पशुओं से फसल को बचाने के लिए रोका-छेका कार्यक्रम को फागुन माह तक बढ़ाया जाएगा। कलेक्टर ने रोका छेका कार्यक्रम को फागुन तक बढ़ाने की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए सभी जनपद सीईओ को गांवो में मुनादी कराने के लिए भी निर्देशित किया। ग्रामीणों को आर्थिक स्वावलंबी बनाने के लिए गांवो में स्थापित किए गए गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। गौठानों में महिला समूहों को आजीविका संवर्धन के विभिन्न कामों साबुन निर्माण, डिटर्जेन्ट पाउडर निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं अगरबत्ती उत्पादन जैसे कामों में संलग्न किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती साहू ने बैठक में तय समय सीमा में गौठानों में बकरी पालन के लिए शेड बनाने एवं रूरल इंडस्ट्रीज के लिए गौठानों का चिन्हांकन करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा, प्रभारी अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी, एसडीएम श्री नंद जी पाण्डेय, श्री अरूण खलखो, श्री हरिशंकर पैंकरा, डिप्टी कलेक्टर श्री भरोसा राम ठाकुर सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

लंबित राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में हो निपटाराः कलेक्टर श्रीमती साहू- कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को तय समय सीमा में राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी और आरआई प्रतिवेदन के लिए लंबे समय से कोई भी राजस्व प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिए। छह माह से अधिक के लंबित राजस्व प्रकरणों को विशेष तौर पर फोकस करके अगले डेढ़ माह में निराकरण किया जाए। अविवादित कोई भी प्रकरण समय सीमा के बाद लंबित ना हो। रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के प्रकरण समय सीमा के बाद लंबित नहीं होना चाहिए। कलेक्टर श्रीमती साहू ने सीमांकन के लंबित प्रकरणों को समय सीमा में तेजी से निपटारा करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने एक वर्ष से अधिक लंबित प्रकरणों की जानकारी राजस्व अधिकारियों से ली और प्रकरणों का तेजी से निराकरण तथा पंजीकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसान नामांतरण-सीमांकन की वजह से बेवजह परेशान न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। नामांतरण प्रक्रिया में विलंब न करते हुए तय सीमा में पूर्ण किया जाए।

पिछड़ी जनजाति के छुटे हुए लोगों को मिलेगा वन अधिकार पट्टा – बैठक में कलेक्टर श्रीमती साहू ने वन अधिकार पट्टा लेने से छुटे हुए कोरबा जिले में निवासरत् विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को वन अधिकार पट्टा दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने एफआरए पट्टा देने के लिए जनजाति लोगों का चिन्हांकन करने और समय सीमा में जनजाति लोगों को वन अधिकार पट्टा दिलाने के निर्देश आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने एफआरए पट्टा दिए जाने वाले जमीन को आजीविका के साधन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एफआरए जमीन को जनजाति समूहों द्वारा सामूहिक कृषि-बागवानी फसल लेने के लिए विकसित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।

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