फसल मुआवजा प्रकरणः 11 को कोरबा मुख्यालय का माकपा करेगी घेराव, प्रभावितों ने बनाई रूपरेखा

कोरबा 10 अक्टूबर। एसईसीएल के बल्गी सुराकछार खदान के भूधसान से प्रभावित किसानों के फसल मुआवजा प्रकरण में एसईसीएल प्रबंधन से वार्ता असफल होने के बाद माकपा ने कल 11 अक्टूबर को कोरबा मुख्यालय घेराव के लिए कमर कस ली है। वार्ता के लिए कल 9 अक्टूबर को एसईसीएल ने माकपा नेताओं को बुलाया था। माकपा ने आरोप लगाया है कि इस मामले में एसईसीएल अपने दायित्वों से मुकरने की कोशिश कर रहा है और जुलाई में लिखित आश्वासन के बाद भी उसने किसानों को मुआवजा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

उल्लेखनीय है कि बल्गी सुराकछार खदान के भू-धसान के कारण सुराकछार बस्ती के किसानों की भूमि वर्ष 2009 से कृषि कार्य करने योग्य नहीं रह गई है। इससे किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए वर्ष 2016-17 तक का फसल क्षतिपूर्ति व मुआवजा एसईसीएल प्रबंधन को देना पड़ा है। लेकिन इसके बाद वर्ष 2017-18 से वर्ष 2020-21 तक का चार वर्षों का मुआवजा अभी तक लंबित है। वर्ष 2012 में एसईसीएल प्रबंधन ने खेतों के भूमि समतलीकरण करने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन उसने इस पर भी आज तक अमल नहीं किया है।
आज यहां जारी एक प्रेस बयान में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार आंदोलन किया गया है। जुलाई में सीएमडी के लगातार पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान एसईसीएल प्रबंधन ने दो महीने के अंदर फसल नुकसानी का मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन इस पर प्रबंधन ने आज तक कोई कार्यवाही नही की है और मुआवजे प्रकरण की फ़ाइल को दबाकर बैठी हुई है। माकपा नेताओं ने कहा है कि दशहरा और दीवाली के त्यौहारों पर किसानों को पैसों की सख्त जरूरत होती है। इसलिए एसईसीएल को उनके मुआवजे का ब्याज सहित भुगतान करना चाहिए।

वार्ता की असफलता के बाद एसईसीएल की उदासीनता और उसकी वादाखिलाफी के खिलाफ आक्रोशित किसानों की बैठक सुराकछार बस्ती में हुई। बैठक में महिपाल सिंह, गणेश राम, मोहर दास, कन्हाई सिंह, विशाल राम, लालजी, रघुलाल, सावित्री चौहान, दुज बाई, झूल बाई के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे। किसानों ने बैठक में कल 11 अक्टूबर को एसईसीएल के कोरबा मुख्यालय का घेराव करने की रूपरेखा बनाई।

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