देश साहित्य शीन काफ़ निजाम की गज़ल Gendlal Shukla July 21, 2020 मौजे-हवा तो अबके अजब काम कर गईउड़ते हुए परिंदों के पर भी कतर गईनिकले कभी न घर से मगर इसके बावजूदअपनी तमाम उम्र सफर में निकल गईआँखें कहीं, दिमाग कहीं, दस्तो-पा कहींरस्तों की भीड़-भाड़ में दुनिया बिखर गईकुछ लोग धूप पीते हैं साहिल पे लेटकरतूफ़ान तक अगर कभी इसकी खबर गईदेखा उन्हें तो देखने से जी नहीं भराऔर आँख है कि कितने ही ख़्वाबों से भर गईमौजे-हवा ने चुपके से कानों में क्या कहाकुछ तो है क्यूँ पहाड़ से नद्दी उतर गईसूरज समझ सका न उसे उम्र भर ‘निजाम’तहरीर रेत पर जो हवा छोड़ कर गई. Spread the word Post Navigation Previous वृक्षारोपण कर पूर्व गृहमंत्री कंवर ने मनाया अपना जन्मदिनNext चेंबर ऑफ कॉमर्स कोरबा ने की व्यापार के समय में संशोधन की मांग Related Articles INDIA Newsbeat Stories देश प्रेरणा भारत संगठन सामाजिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जानिए, प्रार्थना बताता है- सच..! Gendlal Shukla December 26, 2024 Big news INDIA New delhi देश नईदिल्ली बड़ी ख़बर भारत भाजपा को इस वर्ष 2,244 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा मिला Gendlal Shukla December 26, 2024 INDIA New delhi Stories दिवस विशेष देश नईदिल्ली प्रेरणा भारत पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि Gendlal Shukla December 25, 2024