देश साहित्य शीन काफ़ निजाम की गज़ल Gendlal Shukla July 21, 2020 मौजे-हवा तो अबके अजब काम कर गईउड़ते हुए परिंदों के पर भी कतर गईनिकले कभी न घर से मगर इसके बावजूदअपनी तमाम उम्र सफर में निकल गईआँखें कहीं, दिमाग कहीं, दस्तो-पा कहींरस्तों की भीड़-भाड़ में दुनिया बिखर गईकुछ लोग धूप पीते हैं साहिल पे लेटकरतूफ़ान तक अगर कभी इसकी खबर गईदेखा उन्हें तो देखने से जी नहीं भराऔर आँख है कि कितने ही ख़्वाबों से भर गईमौजे-हवा ने चुपके से कानों में क्या कहाकुछ तो है क्यूँ पहाड़ से नद्दी उतर गईसूरज समझ सका न उसे उम्र भर ‘निजाम’तहरीर रेत पर जो हवा छोड़ कर गई. Spread the word Continue Reading Previous एनटीपीसी लारा की दूसरी यूनिट विद्युत उत्पादन हेतु तैयारNext जीवन है अनमोल….. सुधारानी शर्मा Related Articles Big news INDIA New delhi देश नईदिल्ली बड़ी ख़बर राजनीति संजय जोशी होंगे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष….! Gendlal Shukla October 5, 2024 Agriculture Chhattisgarh INDIA Raipur कृषि-कृषक छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ देश राजकाज राजनीति रायपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त Navneet Rahul Shukla October 5, 2024 Big news INDIA New delhi चुनाव देश नईदिल्ली बड़ी ख़बर जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में कांग्रेस सरकार का पूर्वानुमान Gendlal Shukla October 5, 2024