अब नहीं चलेगी महिला प्रतिनिधियों के सगे-संबंधी की दखलंदाजीः JP’ CEO कुंदन कुमार

कोरबा 23 जुलाई। ग्राम पंचायतों, जनपदों में अब निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सगे संबंधियों की दखलंदाजी नहीं चलेगी। जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने इस पर रोक लगाने जनपद सीईओ, पंचायत सचिवों को आदेश जारी किया है। इसके उल्लंघन पर संबंधित पंचायत प्रतिनिधि पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने 50 प्रतिशत आरक्षण लागू है।

जिले की कई ग्राम पंचायतों व जनपदों में महिला प्रतिनिधि चुनकर सरंपच, सदस्य व अन्य पदों पर आसीन हैं। ताकि महिलाएं भी आगे आ सकें और पंचायतों के कामकाज में भागीदारी निभा सकें। लेकिन, महिला प्रतिनिधियों के चुने जाने के बाद परिवार के पुरुष सदस्यों की दखलंदाजी बढ़ जाती है।

शिकायतों में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत सीईओ ने जारी आदेश में इस तरह के हस्तक्षेप पर रोक लगाने पत्र जारी किया है। जिसमें उल्लेख है कि पंचायत के किसी कार्य में महिला प्रतिनिधियों के सग-.संबंधी सुझाव व निर्णय नहीं देंगे।

कोरबा जनपद में उपाध्यक्ष के खिलाफ हुई थी शिकायत-कोरबा जनपद में उपाध्यक्ष कौशल्या वैष्णव के खिलाफ सरपंचों ने उनके पुत्र पर हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। हालांकि जनपद उपाध्यक्ष ने कहा था कि मेरा पुत्र मुझे वाहन में छोड़ने बस आता है। किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करता। जिले की 412 पंचायतों में आधे से अधिक पंचायतों में महिला सरपंच हैं। साथ पांचों जनपद में अध्यक्ष महिलाएं ही हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी महिला हैं। इस तरह पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अधिक है।

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