Uncategorized कम्बोडिया में है दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर, आइये जानते हैं इसके बारे में सब कुछ Gendlal Shukla July 12, 2020 नईदिल्ली। आपको यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत में नहीं, बल्कि कंबोडिया में है। जबकि भारत में सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि हिंदू और बौद्ध दोनों धर्म के लोग इस मंदिर को अपना धार्मिक स्थल मानते हैं। इसी वजह से इस मंदिर में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं।अंकोरवाट अपनी स्थापना के वक्त हिंदू धर्म को समर्पित था, लेकिन बाद में इसे बौद्ध मंदिर बना दिया गया। हालांकि, हिंदू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग इसमें समान आस्था रखते हैं।यह मंदिर कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह से 206 किमी की दूरी पर है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक भी कहा जाता है। 2019 में इस मंदिर में करीब 22 लाख पर्यटक आए। कंबोडिया में बना यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर है। यह मंदिर अंकोर में सिमरिप शहर में मीकांग नदी के किनारे बसा बना है।बताया जाता है कि यह मंदिर राजा सूर्य वर्मन द्वितीय ने 12वीं सदी में बनवाया था। उस वक्त यह जगह खमेर साम्राज्य की राजधानी यशोधरापुरा थी। जानकारों के मुताबिक, खमेर वंश शैव संप्रदाय के अनुयायी थे। यानी वे भगवान शिव को मानते थे। लेकिन इसके बावजूद राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने भगवान विष्णु के इस मंदिर को बनवाया।यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर करीब 500 एकड़ में फैला है। इंडोनेशिया के निवासी इसे पानी में डूबा मंदिर भी कहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंदिर के दर्शन के लिए 20 लाख पर्यटक कंबोडिया आते हैं। यह मंदिर खमेर वंश की वास्तुकला, शास्त्रीय शैली का परिचय कराता है। इस मंदिर को मेरू पर्वत का रूप माना जाता है। इस पर्वत को ब्रह्मा समेत तमाम देवताओं का घर माना जाता है।कंबोडिया को पहले कंपूचिया नाम से जाना जाता था। यहां हिंदू और बौद्ध धर्म का साम्राज्य था। यहां खमेर साम्राज्य पूरे एशिया में अपना वर्चस्व रखते था। कंबोडिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है। इसकी जनसंख्या करीब 1.5 करोड़ है। पुर्वी एशिया में और भी कई मंदिर खोजे जा चुके हैं।कंबोडिया ने अपने राष्ट्रीय ध्वज में भी इस मंदिर को जगह दी है। इसके अलावा अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज में भी यह चित्रित है। इस मंदिर को 1992 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया।इस मंदिर की कुछ अनोखी विशेषताएं हैं, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती हैं। इस मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम में है। वैसे हिंदू मंदिरों के द्वार पूर्व दिशा में होते हैं। हर मंदिर में उगते हुए सूर्य की रोशनी पहुंचती है। जबकि इस मंदिर का पश्चिम दिशा में द्वार होने के चलते सूर्य ढलते हुए इस मंदिर को प्रणाम करता है। मंदिर की दीवारों पर अनेक देवताओं की तस्वीरों और धार्मिक-पौराणिक कहानियों को चित्रों और मूर्तियों के तौर पर उकेरा गया है। मंदिर की दीवारों पर अप्सराओं के भी चित्र उकेरे गए हैं। यहां समुद्र मंथन के दृश्य भी बने हैं। Spread the word Continue Reading Previous NTPC wins prestigious CII-ITC Sustainability Awards 2019Next कोरबा में रोका छेका अभियान बेअसर, मवेशी ने युवक को पहुंचाया अस्पताल, दो दिन का बिल पहुंचा 80 हजार Related Articles Uncategorized नगर निगम की लापरवाही का नया कारनामा, कार चालक के साथ हुआ सड़क हादसा Gendlal Shukla August 14, 2024 Uncategorized केरल: भूस्खलन में 19 कई मौत Gendlal Shukla July 30, 2024 Uncategorized आईटीआई पोड़ी-उपरोड़ा में प्रवेश हेतु आवेदन 03 जुलाई तक आमंत्रित Navneet Rahul Shukla June 24, 2024