परिसम्पत्ति मूल्यांकन कार्य में प्रभावितों ने किया विरोध

कोरबा 4 जुलाई। एसईसीएल दीपका के अर्जित ग्राम मलगांव एवं एसईसीएल गेवरा के अर्जित ग्राम नराईबोध में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे परिसम्पत्ति मूल्यांकन का कार्य प्रभावितों के भारी विरोध व हंगामे की भेंट चढ़ गया। लंबित मुआवजा रोजगार एबसाहट में सुविधाओं का अभाव एसुरक्षा मानकों की अनदेखी ,हैवी ब्लास्टिंग सहित स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने एसईसीएल द्वारा की जा रही उपेक्षा से आक्रोशित प्रभावितों के विरोध के चलते मूल्यांकन कार्य किए बगैर राजस्व अमले को बैरंग लौटना पड़ा।

यहाँ बताना होगा कि कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के निर्देश पर आमजनों की समस्याओं का समाधान करने एसईसीएल दीपका द्वारा अर्जित ग्राम मलगांव एवं एस ई सी एल गेवरा द्वारा अर्जित ग्राम नरईबोध में परिसम्पत्ति मूल्यांकन हेतु एस डी एम कटघोरा द्वारा नायब तहसीलदार दीपका शशिभूषण सोनी की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है। शुक्रवार को टीम परिसंपत्ति मूल्यांकन के लिए अर्जित ग्रामों में पहुंची। लेकिन मौके पर पहुंचे प्रभावितों ने लंबित मुआवजा रोजगार एबसाहट में सुविधाओं का अभाव एसुरक्षा मानकों की अनदेखी, हैवी ब्लास्टिंग सहित स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने एसईसीएल द्वारा की जा रही उपेक्षा को लेकर विरोध जताया। ग्रामीणों ने उक्त समस्याओं मांगों के त्वरित निराकरण की मांग की। जिसके चलते मूल्यांकन कार्य किए बगैर राजस्व अमले को बैरंग लौटना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि एसईसीएल दीपका एवं गेवरा प्रबंधन भू-विस्थापितों की मांगों समस्याओं सहित प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में हमेशा पीछे हटता रहा है। प्रबंधन की अनदेखी, वादा खिलाफी की वजह से एसईसीएल प्रबंधन एवं प्रभावितों के बीच समय समय पर टकराव की स्थिति निर्मित होती रहती है। प्रशासन टकराव को खत्म कर दोनों की बीच मध्यस्थता कराता आ रहा है, लेकिन कई मौकों पर एसईसीएल की मनमानी की वजह मध्यस्थता करा पाने में जिला प्रशासन को भी त्वरित सफलता नहीं मिल पाती है। इस बार अर्जित ग्राम के ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं।

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