कृषि प्रयोजन के लिए दान में मिली जमीन पर करोड़ों की बिल्डिंग बनाने का मामला ठंडे बस्ते में

मनीष जायसवाल की रिपोर्ट

कोरबा ।कोरबा के बहुचर्चित जमीन हेराफेरी का मामला ठंडे बस्ते में जा चुका है । दान की तीन एकड़ भूमि में कृषि भूमि के लिए प्रायोजित उक्त भूमि का दुरूपयोग कर करोड़ों रूपये की बिल्डिंग बनाने के आरोप लगाए गए थे। पटवारी हल्का नं. 09 रानिमं कोरबा की भूमि खसरा नं. 3/1 ढ, रकबा 1.66 डिसमिल भूमि को कैलाश चंद अग्रवाल ने मुरलीधर मोदी से 5 मार्च 1981 को क्रय किया था। पूर्व शिकायत के अनुसार खसरा नं. 3/1 ढ में से एक एकड़ भूमि धुरऊ से कैलाश चंद अग्रवाल से 2 दिसम्बर 1980 को क्रय किया था। उक्त भूमि कैलाशचंद अग्रवाल पिता स्वर्गीय खेमचंद अग्रवाल पटवारी हल्का नं. 09 3/1 ढ /1, 3 /1ढ/ 11, 3/1ण कुल रकबा तीन एकड़ भूमि भाई सत्यनारायण अग्रवाल ने खसरा नं. 3/1 ढ/9, 3 /1 ढ /10 रकबा कुल 52 डिसमिल को कृषि प्रयोजन हेतु दान प्राप्तकर्ता को दान में दिया था। आरोप लगाया गया था कि उक्त शासकीय भूमि पर रिकार्ड में फेरफेर कर निजी जमीन को स्थानांतरित कर अधिकारियों ने मिली भगत कर दान प्राप्तकर्ता को करोड़ों रूपये की बिल्डिंग बनाने का अवसर प्रदान किया।मामले की शिकायत पर पुलिस द्वारा पूर्व में जमीन के रजिस्ट्री संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति प्रस्तुत करने निर्देश दिया गया था।साथ ही भूमि के दानपत्र की फोटो कापी , किस प्रयोग रजिस्ट्री की गई है, इसका पूरा ब्यौरा मांगा गया था। लेकिन लंबी शिकायतों के बाद भी जांच कभी शुरू ही नहीं हो पाई ।

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