फर्जी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट, दोआरक्षक निलंबित

कोरबा 24 मई। जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी हो रही कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट को लेकर एक मामला सामने आया जिसमें जिला अस्पताल से दो आरक्षकों ने अवैध शराब के आरोपियों को जमानत दिलाने के लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट हासिल की।

यह मामला तब उजागर हुआ जब मानिकपुर चौकी पुलिस द्वारा 21 मई को 47 लीटर अवैध शराब के साथ पकड़े गए लहूरा यादव और मुकेश सोनी को जमानत देने की बजाय न्यायाधीश ने जेल भेजने के आदेश दिए। जेल वारंट जारी करने के साथ ही पहले इनका कोविड.19 का इलाज कराने कहा गया। आदेश पर दोनों आरोपियों को कोविड-19 अस्पताल ले जाया गया जहां बवाल मचा। दरअसल इन्हें पकड़ने वाले मानिकपुर पुलिस चौकी के आरक्षक योगेश राजपूत एवं दीप नारायण त्रिपाठी ने कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर जमानत दिलवा देने का भरोसा दिलाया था। इसके लिए 21 मई को आरोपियों को लेकर दोनों पहले जिला अस्पताल पहुंचे। आरोपियों के मुताबिक वे गाड़ी में ही बैठे थे और दोनों आरक्षक अस्पताल के भीतर गए। कुछ देर बाद बिना जांच के ही इनकी पॉजिटिव रिपोर्ट लेकर आरक्षक बाहर निकले। रिपोर्ट तो बन गई पर मामला कोर्ट में बिगड़ गया। आदेश के अनुसार दोनों आरोपियों को भर्ती कराने सीपेट कोविड अस्पताल लेकर गए तो बिना कोरोना हुए कोरोना का इलाज कराने की बात पर हंगामा मचा। आरोपियों के परिजन भी उखड़ गए। इधर यह मामला उजागर होने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने जांच कराने की बात कही। दोनों आरक्षकों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया।

कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि प्रारम्भिक पड़ताल में जिला अस्पताल में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर हरजीत सिंह राठौर रजगामार और जिला अस्पताल पुलिस चौकी में पदस्थ नगर सैनिक मनोज निर्मलकर को कोविड.19 के संबंध में मिथ्या दस्तावेज तैयार करने का जिम्मेदार पाया गया है। मिथ्या दस्तावेज बनाने के जुर्म में धारा 167 और दुष्प्रेरण के लिए धारा 109 भादवि के तहत रामपुर चौकी में अपराध दर्ज कर लिया गया है। दूसरी और दोनों आरक्षकों की भूमिका को भी तलाशा जा रहा है। जांच उपरांत इन पर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में विधि सम्मत कार्यवाही तथ्यों के आधार पर की जा सकेगी। बता दें कि अवैध शराब के आरोपियों लहूरा यादव और मुकेश सोनी की जो मिथ्या पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की गई है उसकी आईडी फर्जी है। उक्त आईडी नंबर की किट 21 मई को ही पोड़ीबहार निवासी रामकुमार श्रीवास 40 वर्ष के नाम पर और दूसरी आईडी नीलगिरी बस्ती दर्री निवासी अनीता साहू 21 वर्ष के नाम पर जारी हुई थी और इन दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन्हीं की आईडी को अवैध शराब के दोनों आरोपियों के नाम जनरेट कर पॉजिटिव की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी।

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